Friday, 19 April, 2024
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उपचुनाव में सुरजेवाला, मिढा समेत अनेक दिग्गज मैदान में

Posted at: Jan 10 2019 11:11PM
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 जींद। हरियाणा की जींद विधानसभा सीट के लिये 28 जनवरी को होने वाले उप चुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण मिढा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला ने गुरुवार को अपने नामांकन दाखिल किये। इस उपचुनाव के लिये बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर चुके उमेद सिंह रेढू ने इंडियन नेशनल लोकदल के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। उनके साथ इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला और परमिंदर सिंह ढुल भी मौजूद थे। गुरुवार को नामांकन भरने की आखिरी दिन था। सभी राजनीतिक दलों ने इस उपचुनाव में जीत के दावे किये हैं। मिढा एक जलूस की शक्ल में नामांकन दाखिल करने पहुंचे। उनके साथ इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला, शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी और लगभग 12 पार्टी विधायक मौजूद थे। बराला ने दावा किया कि पार्टी ने सबसे अच्छा प्रत्याशी मैदान में उतारा है और जीत उन्हीं की होगी। जजपा प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला के साथ नामांकन भरने के समय सांसद और उनके भाई दुष्यंत चौटाला और वरिष्ठ नेता के. सी. बांगड़ भी मौजूद थे। इस मौके पर दुष्यंत ने कहा कि उनकी नवगठित पार्टी का यह पहला चुनाव है जिसमें सबसे युवा उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है। दिग्विजय की जीत के साथ ही पार्टी का खाता खुलेगा और विधानसभा में जाएंगे।

सुरजेवाला के नामांकन भरने के समय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, सांसद कुमारी सैलजा, विधानसभा में पार्टी विधायक दल की नेता करण चौधरी, विधायक कुलदीप बिश्नोई, गीता भुक्कल और अजय यादव तथा अन्य नेता मौजूद थे। पार्टी नेताओं का कहना था कि उनकी पार्टी जींद के विकास के मुद्दे पर उप चुनाव लड़ेगी।

उपचुनाव बना हॉट

जींद। उपचुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा दांव खेलकर सभी राजनीतिक दलों को सकते में डाल दिया है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला को अपना उम्मीदवार बनाया है। सुरजेवाला को आश्चर्यजनक रूप से उम्मीदवार घोषित करने से कई पार्टियों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। उनकी उम्मीदवारी से जहां उपचुनाव में लड़ाई का स्वरूप बदल जाएगा वहीं प्रदेश के नेताओं को एक मंच पर आने के लिए मजबूर कर दिया है।

हुड्डा और तंवर को साधने की कोशिश

सूत्रों की मानें तो जींद उपचुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर सहमत नहीं हो रहे थे। पार्टी नेतृत्व ने जींद उपचुनाव के बहाने दोनों नेताओं को एकजुट करने के कई प्रयास किए लेकिन हुड्डा और तंवर एक प्रत्याशी पर सहमत नहीं हुए। जिसके चलते पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए सुरजेवाला को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया। यदि सुरजेवाला यह चुनाव जीत जाते हैं तो कांग्रेस को उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट करना पड़ सकता है और यदि वो चुनाव हार जाते हैं तो उनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी तो जाएगी ही साथ में उन्हें अपनी कैथल विधनसभा से भी चुनावी मैदान में उतरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैै।