Wednesday, 24 April, 2024
dabang dunia

प्रदेश

पूर्व निदेशक डालमिया यौन शोषण के आरोपों से बरी

Posted at: May 2 2019 10:40PM
thumb

नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में देहरादून के राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान  की पूर्व निदेशक अनुराधा डालमिया को कथित यौन उत्पीड़न के आरोप से बरी कर दिया है। न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने यह निर्णय अनुराधा डालमिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को जारी की। याचिकाकर्ता की अधिवक्ता दिव्या जैन की ओर से अदालत को बताया गया कि संस्थान में घटित कथित यौन उत्पीड़न की घटना के बारे में पूर्व निदेशक को इसकी 17 अगस्त 2018 को जानकारी मिली। उन्होंने मामले की जांच के लिये उसी दिन एक जांच कमेटी का गठन कर दिया और एक दिन बाद 19 अगस्त को राजपुर थाने में यौन उत्पीड़न से संबंधित मामला दर्ज करा लिया था। पुलिस ने हांलांकि जांच में पूर्व निदेशक डालमिया पर आरोप लगे थे कि उन्होंने पीड़ित लड़की के अभिभावक को बुलाया था और उन पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ यौन शोषण का आरोप नहीं लगाने का दबाव बनाया था।
 
इसी आधार पर पूर्व निदेशक पर पोक्सो अधिनियम की धारा 16 व 17 के तहत अपराध को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। अधिवक्ता जैन ने बताया कि इसके बाद अनुराधा डालमिया ने संस्थान के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और उन्हें 23 अगस्त 2018 को तेलंगाना स्थित राष्ट्रीय बौद्धिक अक्षमता संस्थान का निदेशक बना दिया गया। उन्होने अदालत को बताया कि यौन शोषण मामले से उनके इस्तीफा का कोई मतलब नहीं था। संस्थान के छात्रों की नाराजगी को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। पिछले साल अगस्त में समाचार पत्रों में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर ली थी। संस्थान की एक बारहवी की छात्रा ने संस्थान के संगीत अध्यापक पर कथित यौन शोषण एवं छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। अगस्त 29 को न्यायालय की ओर से एक आदेश जारी कर आरोपी शिक्षक को निलंबित करने और पोक्सो अधिनियम, 2012 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे।