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कृषि में ढांचागत सुधार के लिए बनेगा उच्च स्तरीय कार्यबल

Posted at: Jun 16 2019 12:40AM
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधार के लिए मुख्यमंत्रियों और केन्द्रीय मंत्रियों का उच्च स्तरीय कार्यबल बनाने की घोषणा की। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन  में आयोजित बैठक के बाद देर रात यहां संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। कार्यबल कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधारों पर दो -तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगा। कार्यबल में कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि अगले दो तीन दिनों में कार्यबल के गठन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। बैठक में कृषि क्षेत्र पर ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुये कईं मुख्यमंत्रियों ने कृषि प्रसंस्करण और निवेश पर ध्यान देने पर जोर दिया।

कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर जल संरक्षण एवं प्रबंधन को लेकर उनकी अध्यक्षता में एक समिति बनी थी जिसे इस बैठक में अनुमोदित किया गया और पूर्वात्तर के सभी राज्यों ने इसकी सराहना की। उन्होंने  कहा कि कुछ मुख्यमंत्रियों ने देश में सूखे की स्थिति के मद्देजनर आपदा राहत के नियमों की समीक्षा किये जाने पर जोर दिया। आकांक्षी जिलों को लेकर चल रहे कार्यक्रमों की राज्यों ने सराहना की। राज्यों ने अपने जिलों और तहसीलों के बीच भी प्रतिस्पर्धा की बात कही। बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर की स्थिति  पर  विस्तृत विचार विमर्श किया गया। जम्मू -कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने राज्य में आतंकी गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि राज्य में विकास गतिविधियों में आयी तेजी से भी आतंकवाद को हतोत्साहित किया जा रहा है।

आतंकियों के बारे में आम लोग जानकारी देने लगे हैं। लोग अपने यहां आतंकियों को पनाह देने से मना करने लगे हैं। कुमार ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों में नक्सली हिसा के बारे में विस्तार से बताया। नक्सल प्रभावित राज्यों में विकास गतिविधियों के साथ ही सुरक्षा बढ़ाये जाने से हिसा में कमी आयी है। राज्यों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान पर भी जोर दिया गया। केन्द्र सरकार नक्सलवाद  से निपटने के लिए हर संभव मदद देगी।

कांत ने बताया कि बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले पांच वर्षा में केन्द्रीय राजस्व में से राज्यों की दी जाने वाली हिस्सेदारी में 97 प्रतिशत की बढोतरी हुयी है। पहले यह 22 लाख करोड़ रूपए था जो अब बढ़कर 41 लाख करोड़ हो गया है। देश से बाहर होने की वजह से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हो सके। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमंरिदर सिह अचानक बीमार होने की वजह से नहीं आ पाये। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही इसमें आने से मना चुकी थी।  इनके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल इसमें शामिल हुए।