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सस्ती हुई चाय की चुस्की, पर महंगा पड़ेगा कॉफी का शौक

Posted at: Jun 16 2019 1:09AM
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कोच्चि। ज्यादा नमी और चाय उत्पादक इलाकों में खराब मौसम से दार्जिलिंग चाय के दाम घट गए हैं। पिछले तीन हफ्तों से लगातार बारिश और धुंध के चलते पहली बार तोड़ी गई दार्जिलिंग चाय की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। चाय के दाम में पिछले साल की तुलना में 34 फीसदी कमी आई है। उधर कॉफी के दाम बढ़ने के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि इस साल देश में रोबस्टा कॉफी का उत्पादन कॉफी कम हुआ है। दार्जिलिंग में चाय के 87 बागान हैं, जहां सालाना 80 से 85 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है। पिछले साल इन बागानों की चाय 487.30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकी थी। इस साल इस चाय की कीमत 319.28 रुपए प्रति किलो रह गई है।

यह खराब मौसम के चलते हुआ है। चाय बागानों में काम करने वाले लोगों के मुताबिक, खराब मौसम के चलते जून की पैदावार भी प्रभावित होगी। जून में 10 से 15 फीसदी कम उत्पादन होने की आशंका है। दार्जिलिंग चाय की मुसीबत बढ़ाने में नेपाली चाय का भी हाथ है। बाजार में मौजूद नेपाली चाय की विभिन्न किस्में न सिर्फ बेहद सस्ती हैं, बल्कि लोग इसमें और दार्जिलिंग चाय की किस्मों में फर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। नेपाली चाय विक्रेता भारत में एक ऐसे डीलर या एजेंट की नियुक्ति करते हैं, जिसके पास लोकल जीएसटी नंबर हो। ये एजेंट्स नेपाली चाय बेचते हैं। जीएसटी का 5 फीसदी इन्हें मिलता है। नेपाली चाय विक्रेता आसानी से यह रकम एजेंट्स को चुकाते हैं क्योंकि उन्हें भारत में अपनी चाय की बेहतर कीमत मिल जाती है। 

घटेगा कॉफी का उत्पादन
बारिश की वजह से कॉफी की पैदावार भी प्रभावित हुई है। देश में कुल उत्पादित कॉफी में 70 फीसदी रोबस्टा कॉफी होती है। बाकी अरेबिका कॉफी होती है। इस साल रोबस्टा कॉफी के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी से भी ज्यादा गिरावट की आशंका हैण् ऐसे में रोबस्टा कॉफी की कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 130 रुपए प्रति ग्राम हो गई है। वहीं कॉफी की खेती करने वाले किसान आने वाले समय में बेहतर कीमतें पाने के लिए कॉफी का स्टॉक जमा कर रहे हैं। कंपनियों के पास अभी इस्तेमाल के लिए पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन इस साल के अंत तक कॉफी की कमी हो सकती है।