करियर
Posted at: Aug 1 2019 11:12AM
नई दिल्ली। बीएड के कोर्स में बदलाव किया जा रहा है। 40 साल बाद बीएड के कोर्स में बदलाव किया जाएगा। कुछ ही दिन पहले बीएड का चार साल का इंटीग्रेटेड बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स लॉन्च हुआ है। इसके बाद अब नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) बीएड में भी बदलाव किया जा रहा है। इस बदलाव से टीचर बनने का सपना देख रहे लोगों का साकार होगा। बता रहे हैं कि इस बदलाव से क्या लाभ होगा।
ट्रेन्ड लोगों की जरूरत- नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की चेयरपर्सन सतबीर बेदी ने बताया कि नई पीढ़ी के छात्रों में तनाव और मानसिकसमस्या जल्दी उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या को सुलझाने के लिए प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। जिसे काउंसिलिंग के माध्यम से सुलझाया जाएगा। यह परिवर्तन 40 साल बाद किया जा रहा हैउन्होंने बताया कि स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर अभी जो भी बीएड कोर्स चल रहे हैं, उनमें शिक्षकों में काउंसिलिंग स्किल विकसित करने का प्रावधान नहीं है। हम जल्द ही बीएड इन काउंसलिंग कोर्स लेकर आएंगे। बीएड इन काउंसलिंग कोर्स देशभर के करीब 18 हजार संस्थानों में शुरू किए जाएंगे।
विदेशों में भी मिलेंगे अवसर - भविष्य में बीएड स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने का भी अवसर मिलेगा. सतबीर बेदी ने कहा कि इससे स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर मिलेगा. वो दुनिया के कई देशों में सीख सकेंगे। संभव है कि सीबीएसई से संचालित मान्यता प्राप्त स्कूलों की तर्ज पर एनसीटीई (ncte) से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज भी विदेशों में शिक्षा देने का काम करेंगे।
700 कॉलेज और बनने की उम्मीद - सतबीर बेदी ने कहा है कि एनसीटीई जल्द ही हर जिले में एक मॉडल बीएड कॉलेज बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ये मॉडल कॉलेज जिले के अन्य कॉलेजों के लिए आदर्श उदाहरण पेश करने का काम करेंगे. ऐसे करीब 700 कॉलेज बनाए जाएंगे जिनमें 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण मिल सकेगा।
हर साल 19 लाख करते हैं बीएड - सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में तकरीबन 19 लाख अभ्यर्थी हर साल बीएड करते हैं। वही हमारे देश में सिर्फ 3 लाख शिक्षकों की जरूरत है. डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर है. इस अंतर को जल्द से जल्द कम करना काउंसिल की जरूरत है।