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भारत, चीन के संबंधों का वैश्विक आयाम : जयशंकर

Posted at: Aug 14 2019 1:09AM
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बीजिंग। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के चीन अब द्वीपक्षीय नहीं रह गए हैं बल्कि इन्होंने वैश्विक आयाम हासिल कर लिए हैं तथा दोनों  देशों को अपने संबंधों को लेकर रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। चीनी संवाद समिति शिन्हुआ ने जयशंकर के साक्षात्कार के हवाले से कहा,‘‘ हमारे संबंध अब बहुत व्यापक हैं और ये  अब द्वीपक्षीय नहीं रह गए है, बल्कि इन्होंने वैश्विक आयाम हासिल कर लिए हैं।’’ संवाद समिति ने कहा,‘‘दो बड़े विकासशील देश और उभरती महाशक्ति होने के नाते  विश्व के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बहुत आवश्यक हो गया है।

विश्व इस समय अधिक रूप से  बहु ध्रुवीय हो गया है तथा वैश्विक क्रम भी बदल रहा है तो ऐसे में दोनों देशों को वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के लिए संवाद तथा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के हम मसलों का सम्मान करने , मतभेदों को दूर करने और समायोजन करने के लिए मजबूत क्षेत्रों का पता लगाने की आवश्यकता है। चीन में वर्ष 2009 से 2013 तक भारत के राजदूत रहे डा. जयशंकर ने कहा कि चीन में विदेश मंत्री के तौर पर आकर  उन्हें काफी खुशी हैं और यह उनकी नयी भूमिका है।

उन्होंने  कहा‘‘ इस जिम्मेदारी को लेकर मैं महसूस करता हूं कि  दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए एक बार फिर अपना योगदान दे सकता हूं।’’ गौरतलब है कि अगले वर्ष दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 70 वीं वर्षगांठ हैं और उन्होंने इन द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक करार दिया है। उन्होंने कहा,‘‘ जब हम अपने पिछले 69 वर्षों के संबंधों को देखते हैं तो इनसे कईं सबक सीखने को मिलते हैं  और पहला सबक यही है कि दोनों देशों का आपस में घनिष्ठ रूप से मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।’’