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हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति कर लेता है आत्महत्या : डॉ. मक्कड़

Posted at: Sep 12 2019 1:20AM
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अमृतसर। दुनिया भर में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। आत्महत्या की बढ़ रही प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की ओर से प्रतिवर्ष 10 सितंबर को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मनाया जाता है। अमृतसर के रंजीत एवेन्यू क्षेत्र स्थित डॉ. हरजोत न्यूरोसाइकेट्री सेंटर में आज वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मनाया गया। इस अवसर पर डॉ. मक्कड़ ने कहा कि इंसान की एकमात्र ऐसा प्राणी है जो विचारों का आदान-प्रदान कर सकता है। दूसरों का दुख दर्द बांट सकता है। परिवार का भरण पोषण कर सकता है और देश की सेवा कर सकता है। अफसोस की बात है कि आज आत्महत्या की प्रवृति बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में दुनिया भर मे एक लाख में से 10.5 लोगों ने आत्महत्या की।
आज 16 से 19 आयु वर्ग के युवा भी आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। महिलाएं भी आत्महत्या कर रही हैं। इसका प्रमुख कारण वे परिस्थितियां हैं जिनका सामना करने में सक्षम होने के बावजूद लोग ऐसा कर नहीं पाते।डॉ. मक्कड़ ने कहा कि आत्महत्या के लिए ज्यादातर लोग कीटनाशक पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त करते हैं। यह बात डब्ल्यूएचओ ने भी प्रमाणित की है। उन्होंने कहा कि आज युवाओं में इच्छाएं बढ़ गई हैं। वे पल भर में सब कुछ हासिल कर लेना चाहते हैं, पर जब इसमें असफल रहते हैं तो तनाव में चले जाते हैं और फिर आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं। हर इंसान की जिंदगी में कभी न कभी यह विचार जरूर आता है कि वह आत्महत्या कर ले, क्योंकि परिस्थितियां उसके खिलाफ हो जाती हैं।
उन्होंने कहा कि परिस्थितियों से लड़ने वाला इंसान ही सर्वश्रेष्ठ है। किशोर बच्चों पर पढ़ाई और करियर का इतना दबाव न आए कि उन्हें आत्महत्या जैसा क्रूर कदम उठाना पड़े। बच्चों की बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति भारतीय शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े करती है। देश के तकनीकी और प्रबंधन के उच्च शिक्षण संस्थानों तक में छात्रों के बीच आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।