Friday, 19 April, 2024
dabang dunia

बिज़नेस

सऊदी की घटना के बाद रूस से तेल आयात बढ़ाने पर विचार

Posted at: Sep 17 2019 3:47PM
thumb

नई दिल्ली। सऊदी अरब में सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको के संयंत्रों पर पिछले सप्ताह हुये हमलों के बाद अपनी ऊर्जा सुरक्षा और बेहतर बनाने के लिए भारत रूस से कच्चा तेल आयात बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा ‘‘(कच्चे तेल की) कीमत बढ़ने से भारतीय बाजार में चिंता पैदा होना स्वाभाविक है। हमें वास्तविकता को स्वीकार करना होगा।
हमारे तेल आयात के स्रोत में विविधता है। मैंने आज सुबह ही रूस के पूर्व उप प्रधानमंत्री तथा (रूस की सरकारी तथा सबसे बड़ी तेल कंपनी) रोजनेफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इगोर इवानोविच सेचिन से मुलाकात की। हमने रूस से तेल आयात के बारे विस्तार से चर्चा की। हम दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों से कच्चे तेल का आयात कर रहे हैं। हमारे आयात के स्रोत में पहले ही समुचित विविधता है।’’ उल्लेखनीय है कि भारत का रूस से मौजूदा आयात बहुत कम है।
पिछले वित्त वर्ष में रूस से मात्र 2,219.4 टन पेट्रोलियम तेल का आयात किया गया था। सऊदी अरामको के संयंत्रों पर गत शनिवार को ड्रोन से हमले हुये थे। इसके बाद कंपनी के उत्पादन में 57 लाख बैरल की गिरावट आयी है जो कच्चा तेल के वैश्विक उत्पादन का पाँच प्रतिशत है। प्रधान ने कहा कि सऊदी अरब की घटना से वैश्विक तेल बाजार में एक नयी परिस्थिति पैदा हुई है। भारत इस पूरी स्थिति पर नजर रखे हुये है। उन्होंने कहा ‘‘सऊदी अरामको के अधिकारियों से हमारी तेल विपणन कंपनियों के अधिकारियों की चर्चा हुई है।
कूटनीतिक स्तर पर भी हमने सऊदी अरब की सरकार से बात की है। भारत के राजदूत निरंतर सऊदी अधिकारियों से वार्ता कर रहे हैं।’’  पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि सऊदी अरामको के साथ दीर्घकालीन संधि के तहत सितंबर महीने में भारतीय कंपनियों को जितना कच्चा तेल मिलना था उसमें आधे से ज्यादा हम ले चुके हैं। इस घटना के बाद भी हमें वहाँ से तेल मिल रहा है। हमने कल सोमवार को और आज मंगलवार को भी वहाँ से तेल लिया है।