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अंगारकी चतुर्थी - भगवान गणेश को ऐसे करें प्रसन्न, कटेंगे संकट

Posted at: Jan 27 2020 12:07PM
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प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। जब गणेश चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ती है वह अंगारकी चतुर्थी कहलाती है। 28 जनवरी 2020 ,मंगलवार को अंगारकी चतुर्थी है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं और शुभ कार्यों में सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना का प्रवधान होता हैं हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता हैं जब गणेश चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ती हैं तो उसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता हैं
महाराष्ट्र और तमिलनाडु में चतुर्थी व्रत का सर्वाधिक प्रचलन है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का अत्यधिक महत्व है।
शिव पुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन दोपहर में भगवान गणेश का जन्म हुआ था। माता पार्वती और भगवान शिव ने उन्हें पुत्र रूप में प्राप्त किया था। उनके प्रकट होते ही संसार में शुभता का आभास हुआ। जिसके बाद ब्रम्हदेव ने चतुर्दशी के दिन व्रत को श्रेष्ठ बताया। वहीं कर्ज एवं बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार को चतुर्थी व्रत और गणेश पूजा की जाती है। 
साल 2020 में कब-कब रहेगी अंगारकी चतुर्थी
28 जनवरी - माघ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, तिलकुंद चतुर्थी
26 मई - ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, अंगारकी विनायक चतुर्थी
20 अक्टूबर - अश्विन मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, अंगारकी विनायक चतुर्थी
अंगारकी गणेश चतुर्थी व्रत विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि काम जल्दी ही निपटा लें। दोपहर के समय अपनी इच्छा के अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। 
संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें। गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। गणेश मंत्र (ऊँ गं गणपतयै नम:) बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 
बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें तथा 5 ब्राह्मण को दान कर दें।शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें। 
पूजा में श्रीगणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देने के बाद शाम को स्वयं भोजन ग्रहण करें। 
संभव हो तो उपवास करें। इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है।
अंगारकी चतुर्थी पर करे इस मंत्र का जप
गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।
 जानिए वर्ष 2020 में कब कब पड़ेगी अंगारकी चतुर्थी 
28 जनवरी - माघ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी।
26 मई - ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, अंगारकी विनायक चतुर्थी
20 अक्टूबर - अश्विन मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी, अंगारकी विनायक चतुर्थी