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Posted at: Jan 10 2021 12:41AM
शिमला। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के चिशमोले में आपरेशन स्रो लैपर्ड के दौरान हिमाचल के जांबाज बेटे मेजर कुलदीप शहीद हो गये। जिला नालागढ़ के रहने वाले जवान कुलदीप सिंह (41) की शहादत की खबर फैलते ही पूरे परिवार तथा आसपास के इलाके में शोक की लहर है। मेजर कुलदीप सिंह 10 जुलाई 1999 को सेना में हुए भर्ती हुए थे। उनके बड़े भाई सुरेंद्र सिंह बीएसएफ से रिटायर है और चचेरे भाई भी सेना में तैनात है।
शहीद कुलदीप सिंह का पार्थिव देह आज पैतृक गांव जगतपुर में पहुंचने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि उन्हें साइलेंट अटैक पड़ा। कुलदीप सिंह की शादी 18 नवंबर 2005 को रेणु देवी से हुई थी तथा वह अपने दो बेटियों को छोड़ गए है। सैनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन ने कहा कि गत सात जनवरी की सुबह वह शहीद हुये। शनिवार शाम तक उनका पार्थिव शरीर नालागढ़ पहुंचने की उम्मीद है। शहीद के माता-पिता हृदय रोग से पीड़ित हैं तथा उन्हें शहादत की सूचना दोपहर तक नहीं दी गई थी।
भाई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि परिवार सदमे में है प्रदेश के मुख्मयंत्री जय राम ठाकुर ने सैनिक कुलदीप सिंह की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। हवलदार कुलदीप सिंह नालागढ़ उपमण्डल के जगतपुर के जोघों गांव के निवासी थे। मुख्यमंत्री ने हवलदार कुलदीप सिंह के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शहीद कुलदीप सिंह ने प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों में राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया।
उनके शौर्य और बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।