देश
Posted at: Jan 22 2021 2:03PM
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 58वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। कृषि कानूनों पर कोई समाधान नहीं निकलने से घमासान अब भी बरकरार है। ऐसे में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को 11वें दौर की वार्ता होने जा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से 10वें दौर की वार्ता के दौरान कानूनों के क्रियान्वयन को डेढ़ साल तक के लिए टालने के प्रस्ताव को गुरुवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी है। सरकार की तरफ से कहा गया था कि 1.5 साल तक कानून के क्रियान्वयन को स्थगित किया जा सकता है। इस दौरान किसान यूनियन और सरकार बात करके समाधान ढूंढ सकते हैं। सभी किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को फिर दोहराया।
वहीं, तीन नए कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक के लिए टालने के प्रस्ताव पर भारतीय किसान यूनियन के जगजीत सिंह दालेवाल ने कहा कि अभी किसान नेताओं की आपस बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि कानून को टालने के प्रस्ताव को किसान नेताओं द्वारा खारिज करने से जुड़ी खबरें गलत हैं क्योंकि अभी तक हमने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता श्रवण सिंह पंढेर पंढेर ने कहा कि सरकार की रणनीति हम पर जाल फेंकने की थी, मिठाई के अंदर जहर छिपाने की। वे विरोध को किसी तरह खत्म करना चाहते हैं। हमारी बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हम उनके प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं। आज केंद्र और किसानों के बीच 11वें दौर की वार्ता होगी। आज की बैठक में हम एमएसपी और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने पर चर्चा करेंगे।