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कंपनियों के तिमाही परिणाम और कमोडिटी की कीमतों से तय होगी बाजार की चाल

Posted at: Oct 17 2021 11:53AM
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मुंबई। हर दिन एक नया मुकाम हासिल कर रहे भारतीय शेयर बाजार में अगले सप्ताह भी तेजी की उम्मीद की जा रही है लेकिन वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की बढ़ती कीमतों से महंगाई बढ़ने के जोखिम से करेक्शन की आशंका भी जतायी गयी है, जिसके मद्देनजर अगले सप्ताह छोटे निवेशकों को सतर्कता के साथ निवेश करने की सलाह दी गयी है।
 
बीते सप्ताह शेयर बाजार ने नया रिकॉर्ड बना दिया। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स मात्र 20 दिनों में ही 60 हजार से 61 हजार अंक को पार गया। इस दौरान निवेशकों ने भी 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमायी की। समीक्षाधीन अवधि में सेंसेक्स 1246.89 अंकों की उछाल के साथ 61305.95 अंक पर पहुंच गया, जो अब तक का सर्वकालिक उच्च स्तर है। इसी तरह से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(एनएसई) का निफ्टी 443.35 अंकों की बढ़त के साथ अब तक रिकॉर्ड उच्चतम स्तर 18338.55 अंक पर रहा।
 
दिग्गज कंपनियों में हुयी लिवाली के बल पर जहां सेंसेक्स और निफ्टी ने नया मुकाम हासिल किया वहीं मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली कुछ सुस्त रही। इससे समीक्षाधीन अवधि में बीएसई का मिडकैप 862.35 अंकों की बढ़त के साथ 26699.69 अंक पर और स्मॉलकैप 563.07 अंकों की तेजी के साथ 30 हजार अंक की ओर लपकते हुये 29893.06 अंक पर रहा।
 
विश्लेषकों का कहना है कि शेयर बाजार की चाल अब घरेलू निवेशक तय करने लगे हैं क्योंकि बीते सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने 1037 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि घरेलू निवेशकों ने 3296 करोड़ रुपये की लिवाली की है। इस दौरान संस्थागत निवेशकों ने कुल मिलाकर 2259 करोड़ रुपये की बिकवाली भी की है। उनका कहना है कि बाजार में अब रिटेल निवेशकों की ताकत दिखने लगी है। अब भारतीय खुदरा निवेशक परिपक्वता से निवेश करने लगे हैं और बाजार की चाल भी तय करने लगे हैं। अब वे एसआईपी के साथ ही सीधे शेयर में भी निवेश करने लगे हैं।
 
शेयर बाजार के नये शिखर पर पहुंचने से विश्लेषकों ने बाजार में करेक्शन की आशंका से इंकार नहीं किया है। उनका कहना है कि जिस स्तर पर बाजार है उसमें कभी भी बड़ी बिकवाली देखी जा सकती है लेकिन वैश्विक बाजार की तुलना में भारतीय बाजार बेहतर रिटर्न दे रहे हैं, जिससे विदेशी संस्थागत निवेशक भी बिकवाली करने से पहले वैश्विक रुख को देख रहे हैं। उनका कहना है कि अभी दिवाली तक बाजार में बिकवाली की कम संभावना है लेकिन खुदरा निवेशकों को सतर्कता के साथ निवेश करना चाहिए।