प्रदेश
Posted at: Mar 12 2016 5:04PM
चंडीगढ़। विपक्ष के जाट आरक्षण आंदोलन और एसवाईएल नहर सहित विभिन्न मुद्दों पर भाजपा सरकार पर निशाना साधने की तैयारी को देखते हुए सोमवार से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। सभी निगाहें सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने के लिए लाए जाने वाले विधेयक पर होंगी क्योंकि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने लगातार कहा है कि अति पिछड़ा वर्ग को पहले से मिले हुए 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सत्र के एक पखवाड़े लंबा चलने की उम्मीद है और 21 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। हालांकि विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति इस संदर्भ में अंतिम फैसला लेगी। सत्र की शुरूआत सोमवार को राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के अभिभाषण से होगी। जाट आरक्षण आंदोलन के कारण पिछले महीने करीब 15 दिनों तक हरियाणा में काफी अशांति थी। इस दौरान 30 लोग मारे गए और असामाजिक तत्वों ने कई जगहों पर करोड़ों रूपए की संपत्ति तहस नहस कर दी।
कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल इनेलोद दोनों ने मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनायी है। विपक्ष के नेता और इनेलोद के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला के अनुसार पार्टी जाट मुद्दा, सतलुज यमुना लिंक :एसवाईएल:नहर मुद्दा उठाएंगे और साथ ही राज्य में विधि व्यवस्था की हालत, किसानों की चिंताओं एवं बिजली की बढ़ी दरों से संबंधित दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि उन्होंने जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी निवर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच आयोग की स्थापना की मांग की है। गत पांच मार्च को मुख्यमंत्री ने कहा था कि जाटों और चार दूसरी जातियों को आरक्षण देने के लिए विधानसभा में एक विधेयक लाया जाएगा।