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Movie review : पीरियड के संघर्ष की कहानी है पैडमैन

Posted at: Feb 9 2018 6:04PM
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कास्ट: अक्षय कुमार, सोनम कपूर, राधिका आप्टे
डायरेक्टर: आर.बाल्की
प्रोड्यूसर: ट्विंकल खन्ना, SPE फिल्म्स इंडिया, KriAj इंटरटेनमेंट, केप ऑफ गुड फिल्म्स, होप प्रोड्क्शन
लेखक: आर बाल्की (ट्विंकल खन्ना की किताब द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद पर बेस्ड)
आइकॉनिक मोमेंट: क्लाइमैक्स के समय अक्षय कुमार का मोनोलोग आपको इमोशनल कर देगा। एक और सीन जिसमें अक्षय कुमार का कैरेक्टर लक्ष्मी को पहला कन्ज्यूमर फीडबैक मिलता है।
नई शादीशुदा लक्ष्मीकांत चौहान (अक्षय कुमार) अपनी पत्नी गायत्री (राधिका आप्टे) से बहुत प्यार करता है। शुरुआत में ही आज से तेरी गाने से उनकी केमेस्ट्री को बहुत ही खूबसूरती के साथ दिखाया गया है। धीरे-धीरे लक्ष्मी को गायत्री के पीरियड के बारे में पता चलता है और वो अपनी पत्नी को गंदे कपड़ों का इस्तेमाल करने की जगह नैपकीन का इस्तेमाल करने कहता है। 
गायत्री पैड के खर्च से शॉक्ड हो जाती है और इसका इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहती है। धीरे-धीरे गायत्री अस्वच्छ पीरियड का शिकार होती है और लक्ष्मी पीरियड से जुड़े पुराने नियमों को तोड़ना चाहता है और कम पैसों की सैनेटरी नैपकीन अपनी पत्नी के लिए बनाना चाहते हैं।
पहले असफल होने के बाद गायत्री अपने पति से नाराज भी होती है कि वो क्योंकि महिलाओं की इस समस्या में इतना शामिल हो रहा है।
यहां तक कि गायत्री उसकी समझदारी और बुद्धिमता पर भी सवाल उठाती है। जब गांव वालों को लक्ष्मी के बारे में पता चलता है कि वो क्या कर रहा है तो उसके अच्छे विचारों को समझने की जगह उसे पागल करार देते हैं। अपने पति के इस काम से परेशान गायत्री अपनेमायके भी चली जाती है। बाकी फिल्म में आप देखेंगे कि लक्ष्मी पैडमैन कैसे बनता है औरमहिलाओं को पीरियड्स के दौरान उड़ने के लिए पंख देता है। 
डायरेक्शन 
फिल्म शुरुआत में ही साफ कर देती है फिल्म में इंडिया के मेन्सट्रुअल मैन अरुणाचलम मुरुगनाथम की जिंदगी से जुड़ी है जिसमें फिक्शन भी है। आर बाल्की की यह फिल्म ट्विंकल खन्ना की किताब द लीजेंड ऑफ लक्ष्मी प्रसाद से जुड़ी है। ट्विंकल की किताब और मुरुगनाथम की जिंदगी से जुड़ी इस कहानी में फिल्ममेकर ने एक दिलचस्प और इमोशनल कहानी दिखाई है और साथ ही यह कई महिलाओं के इस प्राकृतिक प्रक्रिया से जुड़े कई Do and Don'ts पर भी सवाल खड़े करती है। 
परफॉर्मेंस अक्षय कुमार आम आदमी की प्रासंगिक कहानियों को चुनते हैं और उसे बखूबी परदे पर निभाते भी हैं। पहले खुले में शौच को लेकर टॉयलेट एक प्रेम कथा और अब उन्होंने ऐसे विषय को चुना जिसपर लोग बात करने में कतराते हैं। एक एक्टर जो अपनी बात को साबित करने के लिए पिंक अंडरवियर और पैड पहनने की हिम्मत रखता है तो इसके बाद हम यह जरुर कह सकते हैं कि बॉलीवुड वाकई काफी आगे बढ़ा है। यह अक्षय कुमार की हिम्मत और आशावादी सोच है जो उनको और करीब बनाता है। इसमें कोई शक नहीं है कि राधिका आप्टे टैलेंट का खजाना हैं। 
राधिका और अक्षय कुमार का हर सीन अपने आप में लाजवाब है। उनका किरदार कई जगहों फिल्म की जरुरत के अनुसार मेलोड्रैमेटिक लगता है। सोनम कपूर का इंट्रोडक्शन सीन थोड़ा अजीब है लेकिन जल्द ही वो अपने किरदार में बिल्कुल फिट बैठ जाती हैं। उनका किरदार जो एमबीए ग्रेजुएट है और जागरुक है, लक्ष्मी को उसके मिशन को पूरा करने में मदद करता है। अमिताभ बच्चन का कैमियो (जो बाल्की की फिल्म में हमेशा होता है) भी काफी मजेदार है। 
तकनीकी पक्ष 
अरुणाचलन मुरुगनाथम जहां कोयंबटूर के हैं तो पैडमैन को मध्य प्रदेशन के माहेश्वर का दिखाया गया है। एक दो जगहों को छोड़ दिया जाए तो फिल्म अपनी बात पर कायम रखती है और सच्चाई को दिखाती है। चंदन अरोड़ा की एडिटिंग थोड़ी और अच्छी हो सकती थी और नैरेशन को थोड़ा और कम किया जा सकता था। 
म्यूजिक
अरिजीत सिंह की आवाज में आज से तेरी में एक अलग ही जादू है। पैडमैन गाना और हु ब हू भी आप गुनगुनाते रह जाएंगे। बाकी गाने कोई खास छाप नहीं छोड़ते हैं। 
पैडमैन के लिए अक्षय की तारिफ
तारीफ अक्षय कुमार की करनी होगी जिन्होंने एक ऐसे विषय को चुना जिसके बारे में शायद ही कोई बात करता है। पीरियड हो या ना होना महिला की पसंद नहीं होती है। ये एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। पैडमैन अपने आप में साहसी कदम है जिसे आपको देखने जरुर जाना चाहिए। 
रेटिंग : 5 में से 4 (चार) स्टार