बिज़नेस
Posted at: Feb 13 2018 2:45PM
नई दिल्ली। मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाओं को प्रोत्साहन देने और देशी व्यापार को बढ़ावा देने की मंशा से केंद्र सरकार ने आम बजट में इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी थी। लेकिन सरकार के इस फैसले पर नीति आयोग ने सवाल उठा दिए है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाह काउंसिल के सदस्यों ने सरकार के इस कदम पर ऐतराज जताया है। उन्होंने इसे संरक्षणवादी फैसला करार दिया है। राजीव कुमार ने एक कार्यक्रम में कहा, 'उम्मीद करता हूं कि यह अस्थाई बात होगी। जैसा हमने सोचा था, मेक इन इंडिया उस तरह सफल नहीं रहा है। लिहाजा बजट में इंपोर्ट टैरिफ बढ़ाने का कदम उठाया गया है ताकि मैन्युफैक्चरिंग के बारे में उसी तरह का टारगेटेड अप्रोच अपनाया जा सके, जैसा हमने मारुति (सुजुकी) के मामले में किया था।' कुमार ने अडवाइजरी काउंसिल के सदस्यों से कहा कि वे बजट पर इन चिंताओं की जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी को दें। काउंसिल के सुरजीत भल्ला जैसे सदस्यों ने बजट में शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाए जाने के बारे में भी चिंता जताई। भल्ला ने कहा, 'लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स को दोबारा शुरू करना सरकार का सबसे बेतुका नीतिगत कदम है, जिसका कोई आधार नहीं है।' उन्होंने कहा कि बजट में भले ही इससे 20 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया गया हो, लेकिन सरकार को 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं मिलने वाले।