देश
Posted at: Feb 14 2018 11:27AM
भोपाल। सेना को लेकर पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के बयान पर मचे बवाल के बाद केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उस वक्त जम्मू एवं कश्मीर के लिए RSS से मदद मांगी थी, जब आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने कबायलियों के भेष में वहां हमला कर दिया था।
उमा ने दावा किया कि उस वक्त नेहरू के कहने पर RSS ने जम्मू एवं कश्मीर में पहले आक्रमण के वक्त हुए संकट में मदद दी थी। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों में देश के लिए मर मिटने की भावना कूट-कूट कर भरी होती है। RSS के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पिछले दिनों कहा था कि स्वयंसेवक, सेना से पहले फौज तैयार सकते हैं।
विपक्षी दलों ने इसे सेना का अपमान और मनोबल गिराने वाला बयान करार देते हुए उनकी कड़ी आलोचना की। इन सबके बीच उमा ने कहा, 'जब पाकिस्तान ने देश में 1948-49 में हमला कर दिया था, तब नेहरू जी ने गुरु गोलवलकर जी को पत्र लिखकर संघ के स्वयंसेवकों से सहायता मांगी थी। इसके बाद जम्मू एवं कश्मीर में RSS के स्वयंसेवकों ने सहायता दी थी।
उन्होंने कहा कि उस समय सेना के पास बहुत हाईटेक उपकरण नहीं थे कि तुरंत वहां पहुंच जाएं। ऐसा खतरा आएगा, किसी ने यह सोचा भी नहीं था। उमा ने संघ प्रमुख के बयान पर कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा, जब सरसंघचालक कोई बयान देते हैं और उनके बयान में प्रति उत्तर या प्रतिसंवाद या पैनल डिस्कशन होते हैं, तो संघ की ओर से ही बयान आता है।
हम लोग कोई नहीं बोलते हैं, क्योंकि वह हमारे परिवार के मुखिया हैं। उन्होंने कहा कि संघ की सदस्यता के लिए कोई फॉर्म नहीं भरना होता है। लोग इसमें आस्था और भावना से शामिल होते हैं। संघ के स्वयंसेवकों में देश के लिए मर मिटने का भाव अंदर तक बैठ जाता है।