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कैलाश मानसरोवर के लिए हेली सेवा उपलब्ध कराने पर कर रही सरकार विचार

Posted at: Feb 26 2018 4:57PM
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नैनीताल। कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान पिछले वर्ष हुई अतिवृष्टि एवं आपदा के कारण इस वर्ष राज्य सरकार एवं कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) यात्रा को लेकर सतर्क है। राज्य सरकार इस वर्ष आपदाग्रस्त रास्तों के चलते यात्रियों को हेली सेवा उपलब्ध कराने की योजना पर विचार कर रही है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना को केन्द्र सरकार के विदेश मंत्रालय के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा गया है। यात्रा के लिए दो अन्य प्रस्ताव भी केन्द्रीय विदेश मंत्रालय को भेजे गए हैं।
 
पिछले साल हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में अतिवृष्टि हुई थी। अतिवृष्टि के कारण पिथौरागढ़ जिले के घटियाबगड़-मांगती एवं मालपा के बीच कैलाश यात्रा मार्ग को भारी नुकसान हुआ। भारी भूस्खलन और काली नदी के आए भारी ऊफान के चलते मालपा में 12 लोग भूस्खलन के शिकार हो गए थे। घटियाबगड़ में पुल बह गया था और सेना का एक शिविर भी बह गया था। जिसमें कई सैनिक भी लापता हैं। कैलाश यात्रा मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा था।
 
भारी नुकसान के बाद भी राज्य सरकार ने कैलाश यात्रा पर रोक नहीं लगायी और सड़कों एवं पैदल मार्गों के अतिवृष्टि की भेंट चढ़ने के कारण यात्रियों को हेलीकाप्टर सेवा के माध्यम से धारचूला से बूंदी एवं गुंजी तक लाने तथा ले जाने का काम किया। अतिवृष्टि के चलते हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। केएमवीएन एवं पिथौरागढ़ जिला प्रशासन यात्रा को लेकर पहले ही सतर्क है। केएमवीएन ने केंद्र सरकार के पास हेलीकॉप्टर सेवा संचालित करने का प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की अंतिम मुहर लगनी बाकी है। प्रस्ताव के अनुसार धारचूला बेस कैम्प से बूंदी पैदल पड़ाव तक यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए केएमवीएन ने हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध कराने वाली निजी कंपनियों से बात कर और खाका तैयार कर लिया है।
 
हालांकि प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगती है तो इस बार यात्रियों को जेब अधिक ढ़ीली करनी पड़ सकती है। प्रस्ताव के अनुसार कम से कम दो छोटे हेलीकाप्टर प्रतिदिन यात्रियों की सेवा के लिये उपलब्ध रहेंगे। जो कि कम से कम 16 से 17 चक्कर प्रतिदिन लगाकर यात्रियों को धारचूला से बूंदी पड़ाव एवं बूंदी से धारचूला बेस कैंप तक लाने तथा ले जाने का काम करेंगे। इसके बदले में निगम को लाखों रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। केएमवीएन ने इसके अलावा सरकार को दो प्रस्ताव और भेजे हैं। उनकी ओर से कहा गया कि दिल्ली से अल्मोड़ा होते हुए यात्रियों को सीधे धारचूला के बजाय एक रात डीडीहाट में आराम दिया
 
जाय और अगले दिन अंतिम बेस कैम्प धारचूला में रोका जाये। इसके बाद नजंग होते हुए अगले पड़ाव बूंदी के लिए रवाना किया जाये। यही नहीं निगम की ओर से गत वर्ष वाले मार्ग का प्रस्ताव को भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि चीन और भारत के बीच हर साल उत्तराखंड के लिपूलेख दर्रे से ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा आयोजित की जाती है। यात्रा 8 जून से 12 जून और उसके बाद 8 सितम्बर तक संचालित की जाती है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित कैलाश यात्रा को कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) आयोजित करता है।