लाइफ स्टाइल
Posted at: Mar 7 2018 5:30PM
लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर आज भी लोगों में कुछ गलतफेहमियां हैं। कुछ लोग अब तक लिव-इन रिलेशन पर कानून को लेकर गफलत में हैं। हालांकि अभी तक इसका कोई कानून नहीं बना है और सुप्रीम कोर्ट भी इसे वैलिड कर चुका है। मप्र हाईकोर्ट के एडवोकेट संजय मेहरा का कहना कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अलग-अलग केसों में आने वाले फैसलों से लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कई बातें स्पष्ट तो हो रही हैं, लेकिन लोग आज भी इस रिलेशन को कानून के खिलाफ मानते हैं।
----लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े नियम..
-लिव-इन रिलेशन गैर कानूनी नहीं है, भारतीय कानून के मुताबिक ये रिश्ता वैध है।
-लिव-इन पार्टनर से अलग होने के लिए कानूनी कार्रवाई की जरूरत नहीं होती।
-लिव-इन रिलेशन के दौरान अगर महिला के पार्टनर की मौत हो जाती है तो महिला अपने पार्टनर की संपत्ति में हिस्सेदार होती है।
-लिव-इन रिलेशन के दौरान पैदा होने वाले बच्चे का उसके माता-पिता की संपत्ति पर अधिकार होता है।
-लिव-इन रिलेशन में भी घरेलू हिंसा का कानून लागू होता है जिसके तहत महिला पार्टनर गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है।
-विवाहित होने के बाद अगर महिला या पुरुष किसी अन्य से संबंध बनाते हैं तो उसे लिव-इन रिलेशन नहीं माना जाता।