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जानए ''एक गांव-एक गुरुद्वारा'' के तहत किन गुरुद्वारों को मिलेगी आर्थिक मदद

Posted at: Mar 14 2018 4:44PM
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अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान भाई गोविन्द सिंह लोंगोवाल ने कहा कि 'एक गांव-एक गुरुद्वारा' योजना के तहत ही एक गांव के एक ही गुरुद्वारे को आर्थिक सहायता दी जाएगी। 

लोंगोवाल ने मालवा क्षेत्र के गाँव धूड़कोट में दो गुरुद्वारों के विलय का स्वागत करते हुए कहा कि शिरोमणि समिति द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश अनुसार 'एक गांव- एक गुरुद्वारा साहब'अभियान शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत शिरोमणि समिति उन गांवों को सम्मानित करेगी जो बहुत से गुरुद्वारों की जगह पर एक गुरुद्वारा साहिब के लिए आगे आएंगे। 

लोंगोवाल ने स्पष्ट किया है कि 'एक गांव-एक गुरुद्वारा ' के अंतर्गत एक ही गांव के अनेक गुरुद्वारों के विलय के पश्चात ही गांव के गुरुद्वारा को वित्तीय सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि यदि संगत ऐसा करती है तो शिरोमणि समिति हर प्रकार के सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने सर्व साझेदारी का उपदेश दिया है, जिससे शिक्षा लेते हुए हमें गुरुद्वारों  को जाति के आधार पर बांटना नहीं चाहिए। जाति आधारित गुरुद्वारा की स्थापना के चलन से सिख सिद्धांतों को ह्रास हुआ है। आज जब श्री गुरु नानक देव जी का 550वां वार्षिक प्रकाश पर्व मनाने जा रहे हैं तो हमें गुरु साहब की सोच पर भी ध्यान देना चाहिए। 

शिरोमणि समिति प्रधान लोंगोवाल ने मंगलवार को तरनतारन ज़िले के गांव मानोचाहल में गुरुद्वारा साहब में हुए हिंसक टकराव को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि गुरुद्वारा साहब में आपसी झगड़े किसी तरह भी जायज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहब की मान-मर्यादा को ठेस पहुँचाने वाले लोगों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।