Friday, 26 April, 2024
dabang dunia

छत्तीसगढ़

नगरनार स्टील प्लांट के लिए बिछने लगी रेल लाइन

Posted at: Mar 20 2018 2:31PM
thumb

जगदलपुर। छत्तीसगढ के जगदलपुर में स्थापना के अंतिम चरण में पहुंच चुके एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट की कमीशंनिग की दिशा में कोक हैंडंलिग सिस्टम में विद्युत आपूर्ति की शुरुआत के साथ एक और सफलता मिल गई है। कंपनी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोक हैंडंलिग सिस्टम में विद्युत आपूर्ति की शुरूआत कंपनी मुख्यालय हैदराबाद से पहुंचे डायरेक्टर टेक्नीकल एन के नंदा ने स्वीच ऑन कर की। इस मौके पर स्टील प्लांट प्रोजेक्ट के अधिशासी निदेशक प्रशांत दास व उनकी पूरी टीम मौजूद थी। विदित हो कि कोक हैडेंलिग सिस्टम में विद्युत आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त होने के बाद कोक ओवन बैटरी चार्ज की जा सकेगी।

इसी साल सितंबर तक स्टील प्लांट को चालू करने के हिसाब से चल रही तैयारियों के सिलसिले में पिछले दिनों अधिशासी निदेशक प्रशांत दास ने बस्तर ब्लाक के 400 केव्ही सब स्टेशन से विद्युत की आपूर्ति प्राप्त करने नगरनार स्टील प्लांट परिसर स्थित सब स्टेशन को चार्जिंग करने की शुरूआत की थी। इसी कड़ी को डायरेक्टर टेक्नीकल एन के नंदा ने आगे बढ़ाते हुए कोक हैडेंलिग सिस्टम में विद्युत आपूर्ति की शुरूआत की है। इस मौके पर नंदा ने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट में काम कर रही एनएमडीसी के अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम के साथ मिलकर जिस तरह से सलाहकार कंपनी मेकान और अन्य विभिन्न कंपनियां काम कर रही हैं वो काफी तारीफ के काबिल है, क्योंकि बिना समन्वित सहयोग और टीम वर्क के स्टील प्लांट की समय पर सफलता पूर्वक स्थापना शायद संभव नहीं होती।

बताया गया है कि तीन मिलियन टन सलाना उत्पादन क्षमता के नगरनार स्टील प्लांट को चलानें के लिए हर साल करीब 25 लाख टन कोंकिग कोल की आवश्यकता होगी। कोक का आयात आस्ट्रेलिया से करने का निर्णय लिया गया है। कोंकिग कोल को कोल में परिवर्तित कर ब्लास्ट फर्नेस में भेजा जाता है। जहां उससे लौह अयस्क को पिघलाया जाता है। लौह अयस्क की आपूर्ति बैलाडीला स्थित कंपनी अपनी माइंस से और हाईग्रेड लाइमस्टोन का आयात दुबई से किया जाना प्रस्तावित है।

स्टील प्लांट को चलानें के लिए एनएमडीसी को करीब 296 मेगावॉट बिजली की जरूरत होगी। इसमें 241 मेगावॉट बिजली कंपनी छग सरकार से खरीदेगी और बाकी जरूरत अनुसार बिजली का उत्पादन स्टील प्लांट से निकलनें वाली गैस से तैयार कर किया जाएगा। स्टील प्लांट के विभिन्न प्लांटो तक बिजली पहुंचाने 11 सब स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इस पर करीब 359 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं। इन स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति चरणबद्ध रूप से करने का काम शुरू किया जा चुका है।