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सरकार विपक्षी नेताओं को उनके घर जाकर मनाएगी

Posted at: Mar 22 2018 2:37PM
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नई दिल्ली। राज्यसभा में ग्रेच्युटी और मातृत्व अवकाश बढ़ाने संबंधी विधेयक के विपक्ष के सहयोग के साथ बिना चर्चा के ही पारित किए उत्साहित सरकार ने दोहराया कि वह अविश्वास प्रस्ताव सहित हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और वह विपक्षी नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मिल कर उन्हें संसद की कार्यवाही चलने देने के लिए मनाएगी। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल एवं अर्जुन राम मेघवाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्यसभा में ग्रैच्युटी और मातृत्व अवकाश बढ़ाने संबंधी विधेयक को विपक्षी नेताओं के सहयोग से पारित कर दिया गया।

लोकसभा से यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। उन्होंने विपक्षी नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की कि बजट सत्र के बाकी दिनों में भी विपक्ष का सहयोग मिलेगा और सदन में आवश्यक मुद्दों पर चर्चा हो सकेगी। गोयल ने कहा कि लोकसभा एवं राज्यसभा में लगातार व्यवधान जारी है। संसद चल नहीं पा रही है। सरकार इससे चिंतित है। चाहे बैंकिंग घोटाले हों या अविश्वास प्रस्ताव, सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह उन पर चर्चा के लिए तैयार है।

राज्यसभा में जिस प्रकार से ग्रेच्युटी और मातृत्व अवकाश बढ़ाने संबंधी विधेयक पारित हुआ है, सरकार प्रयास करेगी कि वह विपक्ष को सदन चलाने के लिए राजी करे। गोयल ने बताया कि वह आज राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, तेलुगु देशम पार्टी के वाई एस चौधरी और अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन एवं नवनीत कृष्णन से उनके घर जाकर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि संसद की एक मिनट की कार्यवाही चलाने के लिए ढाई लाख रुपए खर्च होते हैं। तेईस दिन के इस सत्र में 14 दिन खराब हो चुके हैं और अब नौ दिन बचे हैं। उन्होंने कहा हम लगातार बात कर रहे हैं। मैं आशा करता हूं कि बाकी दिनों में भी विपक्षी दलों का सहयोग मिलेगा।

मैं विपक्षी नेताओं से व्यक्तिगत रूप से उनके घर जाकर मिलूंगा और उनसे अनुरोध करूंगा कि संसद चलने दें। उन्होंने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए भी तैयार है। उसे सदन में अच्छा खासा बहुमत प्राप्त है। सरकार ने भ्रष्टाचार के खात्मे लिए बहुत सारे कदम उठाये हैं। उसे सदन के बाहर जनता का भी भरपूर समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में करीब दस और राज्यसभा में भी इतने ही विधेयक लंबित हैं जिनमें मुस्लिम महिलाओं को न्याय, व्हिसिल ब्लोअर संरक्षण विधेयक आदि शामिल हैं।