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टॉर्च की रोशनी में टांका लगाने के मामले में उपाधीक्षक को नोटिस

Posted at: Mar 23 2018 6:43PM
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पटना। बिहार के सहरसा जिला सदर अस्पताल में करीब एक सप्ताह पूर्व पुलिस वाहन से कुचलकर घायल एक महिला को टॉर्च की रौशनी में डॉक्टर की बजाए स्वीपर के टांका लगाने के मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुये अस्पताल के उपाधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 16 मार्च को  जिले में सौर बाजार थाना क्षेत्र के कचरा गांव निवासी कौशल कुमार की वनगांव थाना क्षेत्र में रहुआ गांव के निकट सड़क हादसे में मौत हो गयी थी जबकि उनकी पत्नी रूबी कुमारी गंभीर रूप से घायल हो गयी थीं।

घायल महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां टॉच की रोशनी में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी द्वारा उन्हें टांका लगाये जाने का मामला प्रकाश में आया। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुये जांच प्रतिवेदन के बाद अस्पताल के उपाधीक्षक अनिल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। तीन दिन के अंदर कार्रवाई की जाएगी। कुमार ने बताया कि विभाग को प्राप्त हुये जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि 16 मार्च को रूबी कुमारी को सुबह साढ़े छह बजे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

उनके दाहिने पैर में चोट आई थी। डॉ. रतन कुमार झा और दो नर्स स्मिता कुमारी और इंदु कुमारी की उपस्थिति में उन्हें ड्रेंसिग रूम में लाया गया। तभी अचानक बिजली जाने के कारण टॉर्च की रोशनी में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी दिलीप ने उन्हें टांका लगाया था। प्रधान सचिव ने डॉ रतन कुमार झा की बजाय उपाधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बारे में पूछे जाने पर बताया कि अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेवारी उपाधीक्षक की होती है इसलिए इस मामले में उनकी जिम्मेवारी तय करने के लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है। अब उपाधीक्षक अनिल कुमार की जिम्मेवारी है कि वह चिकित्सक श्री झा और नर्सों से इस पर जवाब मांगे।