प्रदेश
Posted at: Mar 23 2018 6:56PM
झांसी। अब तक रेलवे अस्पताल में केवल उनका उपचार होता था, जिनकी रेलवे में नौकरी होती थी, लेकिन इस नियम में अब बदलाव कर दिया गया है। अब हर कोई वो जो रेलवे में नौकरी नहीं करता हैं, उसको भी उपचार हर रेलवे अस्पताल में मिल सकेगा। उत्तर मध्य रेलवे मैंस यूनियन के आर के मिश्रा ने यहां बताया कि रेलवे बोर्ड के नये आदेश के अनुसार रेलवे में जो कर्मचारी नौ नौकरी करते हैं या सेवानिवृत्त हैं,उनके 21 साल से कम उम्र के बच्चों को रेलवे अस्पताल में उपचार की सुविधा है लेकिन वो बच्चे जिनकी उम्र 21 वर्ष से अधिक हो गई है, उनको ये सुविधा नहीं है। ऐसे में अगर वे नौकरी पर वो भी रेलवे में ही लगे तो उनको उपचार मिलेगा, लेकिन गैर रेलवे में गए तो अब तक उपचार की सुविधा नहीं थी।
मिश्रा ने बताया कि इस निर्णय से बेरोजगारों को उपचार का बड़ा लाभ होगा। असल में आप पढ़ाई कर रहे हैं तो रेलवे उपचार करती हैं, लेकिन पढ़ाई बंद हो गई है व रोजगार की तलाश में है तो रेलवे ये सुविधा नहीं दे रही थी। अब इस निर्णय से देशभर में बेरोजगारों को बड़ा लाभ हो जाएगा। उन्होने कहा कि रेलवे कर्मचारियों के वे बच्चे जो बाहर पढ़ाई कर रहे हैं,या बेरोजगार होकर 21 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, उनको उपचार में समस्या होती थी। अब नए निर्णय के बाद उन्हें उपचार आसानी से मिल जाएगा। गौरतलब है कि लंबे समय से रेलवे बोर्ड से मांग की जा रही थी कि उन बच्चों को भी रेलवे अस्पताल में उपचार की सुविधा मिलना चाहिए, जो रेलवे में नौकरी नहीं करते हैं।
ऐसे में बार-बार मांग के बाद रेलवे बोर्ड ने इस बारे में बैठक की। रेलवे बोर्ड से इस मांग को ऑल इंडिया रेलवे मैंस फेडरेशन ने उठाया था। फेडरेशन का कहना था कि हर किसी को देश में बेहतर उपचार की आजादी हैं। जब देश के किसी भी अस्पताल में उपचार हो सकता है तो रेलवे अस्पताल इसके अपवाद क्यों। इसके बाद इस बारे में वर्किंग कमेटी की बैठक में चर्चा की। बाद में उच्चधिकारियों के साथ किए गए मंथन के बाद ये निर्णय लिया गया।