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मोदी और जिनपिंग की बैठक में द्विपक्षीय मुद्दे सुलझाने पर रहेगा जोर

Posted at: Apr 25 2018 12:09PM
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पेईचिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस हफ्ते होने वाली अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान न तो किसी एग्रीमेंट पर साइन करेंगे और न ही जॉइंट प्रेस स्टेटमेंट इशू करेंगे। सेंट्रल चीन के वुहान शहर में आयोजित होने वाली इस शिखर बैठक में दोनों देशों के प्रमुख द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा करेंगे।
चीन के उच्च अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान दोनों देशों के नेता आपसी समन्वय को मजबूत करने और पुराने मुद्दों को लेकर सहमति बनाने की कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 अप्रैल को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए सेंट्रल चीन के वुहान शहर जाएंगे। चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयु ने कहा दोनों पक्षों ने किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने या कोई संयुक्त दस्तावेज जारी नहीं करने, बल्कि गतिरोध वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण आम सहमति बनाने पर रजामंदी बनाई है।
विश्वास में कमी से उपजा डोकलाम विवाद
यह पूछे जाने पर कि इस तरह की समिट की क्या आवश्यकता है, तो शुआनयु ने कहा यह अनौपचारिक वार्ता अपनी तरह की पहली बातचीत है। इसमें दोनों देशों के नेता गतिरोध वाले मुद्दों पर खुले दिल से बातचीत कर मतभेद सुलझाने के लिए आपसी विश्वास एवं आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत में डोकलाम और सीमा विवाद जैसे विषय उठेंगे, कोंग ने कहा कि डोकलाम विश्वास में कमी के कारण हुआ। उन्होंने कहा दोनों देशों को सीमा का मुद्दा सुलझाने के लिए उनके बीच विश्वास और माहौल पैदा करने की जरूरत है।
अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में डाला अडंगा
सूत्रों ने बताया कि शिखर वार्ता ऐसा मंच नहीं है जहां दोनों नेता पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से पाबंदी लगाए जाने जैसे मुद्दों पर चर्चा करें। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की ताकत से लैस चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में बार-बार अड़ंगा लगाया है। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेता खुले मन से चर्चा करेंगे और किसी समझौते पर दस्तखत होने की संभावना नहीं है। अनौपचारिक शिखर वार्ता की जगह पर अधिकारियों की मौजूदगी बहुत कम रखी जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि दोनों नेता मुख्यत: अनुवादकों की मौजूदगी में एक-दूसरे से मुखातिब होंगे। मोदी 26 अप्रैल की शाम को वुहान आएंगे और अगले दिन शी के साथ अनौपचारिक वार्ता करेंग।. उनकी वार्ता 28 अप्रैल की दोपहर तक जारी रहने की संभावना है। इसके बाद प्रधानमंत्री लौट जाएंगे।