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Posted at: May 4 2018 5:06PM
नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट आॅनलाइन सर्विसेज बोर्ड ने कंपनी के 75 फीसदी शेयर वॉलमार्ट को बेचने को मंजूरी दे दी है। इसकी कीमत लगभग 15 अरब रुपए है। मामले के जानकारों के मुताबिक यह अमेरिकी कंपनी द्वारा दुनियाभर में पैर पसारने का एक बड़ा दांव है। इस सौदे में सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉपोर्रेशन अपनी 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी बेच रहा है। सॉफ्टबैंक के फ्लिपकार्ट में शेयर शामिल हैं। गूगल पैरंट अल्फाबेट भी वॉलमार्ट के साथ इस सौदे में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सौदा अभी तय नहीं है और इसमें बदलाव की भी संभावनाएं हैं। हालांकि 10 दिन में सब सामने आ जाएगा।
ऐसा करके वॉलमार्ट ऐमजॉन को भी झटका दे सकता है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से चर्चा थी कि ऐमजॉन फ्लिपकार्ट के बड़े शेयर खरीदकर भारत के बाजार पर कब्जा करना चाहता है। कहा जा सकता है कि फ्लिपकार्ट ने यह डील वॉलमार्ट के साथ इसलिए की है जिससे भारत में ऐमजॉन के वर्चस्व को कम किया जा सके। वर्तमान में फ्लिपकार्ट के बाद ऐमजॉन की पकड़ मजबूत है।
वॉलमार्ट 1.3 बिलियन लोगों की बढ़ती मार्केट पर पकड़ बनाना चाहता है और डिजिटल मार्केट में अपनी साख मजबूत करने की कोशिश में है। ऐमजॉन की दुनियाभर में लोकप्रियता बढ़ने के बाद वालमॉर्ट को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और चीन के बाद भारत के ग्राहक आॅनलाइन मार्केट में सबसे ज्यादा हैं। हालांकि इस मामले में सॉफ्टबैंक, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट और गूगल ने टिप्पणी करने से इनकार किया है।