हेल्थ
Posted at: May 21 2018 10:06AM
भारतीय खानपान के चर्चे दुनियाभर में यूं ही नहीं हैं। इसे बनाने की आसान विधियां, पौष्टिकता और ज़ायका ही इसे सबसे खास बनाता है। यही वजह है कि आम आदमी का सत्तू, दाल-बाटी, दाल-बाफले या लिट्टी-चोखा जैसे व्यंजन फुटपाथ से लेकर फाइवस्टार होटलों तक बनते और परोसे जाते हैं। सत्तू अपने आप में पूरा आहार है। खासतौर पर अपने सुपाच्य गुण और ठंडी तासीर के चलते गर्मियों की शुरुआत से ही घरों में सत्तू का प्रयोग शुरू हो जाता है।
भुने हुए अनाज जैसे गेहूं, जौ, मक्का के साथ भुने हुए चने को पीस कर बनाए गए चूर्ण को सत्तू कहते हैं। गांव-देहात की रसोई की अनिवार्य वस्तु है सत्तू। समझदार गृहस्थों के यहां सत्तू एक ज़रूरी आहार है। पोहा, उपमा से भी ज्यादा गुणवान और जल्दी बननेवाला इंडियन फास्टफूड या चटपट रसोई।
सत्तू पीने के फायदे
सत्तू पीने से मधुमेह और रक्तचाप नियंत्रित रहता है। सत्तू में नींबू, नमक और जीरा डालकर पीने से बीपी नहीं बढ़ता है।
सत्तू लू लगने से भी बचाता है। गर्मियों में अगर सत्तू पीकर बाहर निकला जाए तो लू नहीं लगता है।
सत्तू मोटापे को भी दूर करता है। सत्तू पीने से पाचन ठीक रहता है और एसिडिटी नहीं होती है।
गर्मियों में मिचली आने की भी शिकायत लोगों को होती है। रोज सत्तू पीने से उल्टी रुकती है और शरीर की कमजोरी भी दूर होती है।