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इंदौर में पेट्रोल-डीजल के भाव मुंबई जैसे, दिल्ली से ज्यादा

Posted at: May 24 2018 12:16PM
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नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने बुधवार को अब तक का उच्चतम स्तर छू लिया। डेली डायनैमिक प्राइसिंग सिस्टम के अंतर्गत बुधवार सुबह दिल्ली में पेट्रोल का भाव 76.87 रुपए और डीजल का भाव 68.34 पर पहुंच गया, जबकि मुंबई में पेट्रोल सबसे महंगा 84.99 रुपए और डीजल 72.76 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। खास बात यह है कि इंदौर में पेट्रोल और डीजल के भाव मुंबई की बराबरी कर रहे हैं। 
इंदौर में पेट्रोल का भाव 82.87 रुपए और डीजल का भाव 72.02 रुपए रहा। इंदौर में पेट्रोल का भाव मुंबई की तुलना में सिर्फ दो रुपए 12 पैसे कम है। वहीं इंदौर में डीजल का भाव मुंबई की तुलना में सिर्फ 74 पैसे कम है। दिल्ली से तुलना करे तो इंदौर में पेट्रोल का भाव दिल्ली से छह रुपए ज्यादा रहा।
वहीं डीजल का भाव दिल्ली की तुलना में तीन रुपए 68 पैसे ज्यादा है। दरअसल, कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की वजह से 24 अप्रैल से 13 मई के बीच डेली डायनैमिक प्राइसिंग पर रोक लगा दी गई थी। इस बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर थीं। 12 मई को मतदान संपन्न होते ही और अगले ही दिन 13 मई से पेट्रोल-डीजल के दाम फिर से रोजाना आधार पर बढ़ने लगे। 13 मई के बाद आज 23 मई तक एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हों। 
कैबिनेट में नहीं बनी कोई बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों पर किसी फैसले की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर चिंता है और चर्चा भी हो रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कई बार इसको डिरेगुलेट भी किया है। इससे कई बार पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम भी हुई हैं। अब सरकार इसके लिए दूर की सोच रही है ताकि असर दिखे। 
इसलिए सरकार नहीं उठा रही कदम
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि ग्राहकों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों पर लागू करों की समीक्षा करनी चाहिए। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बावजूद इसके उपभोग में कमी का रुझान अभी तक नहीं दिखाई पड़ा है। दाम बढ़ने के बावजूद लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए सरकार भी कोई कदम उठाने की जल्दबाजी में नहीं है। पेट्रोलियम मंत्री ने बैठक नहीं ली है।