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चालू वित्त वर्ष में कपास की 42 लाख गांठ निर्यात का अनुमान

Posted at: Jul 15 2018 11:00AM
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नई दिल्ली। पिछले दो हफ्तों से कॉटन की कीमतों में तेजी जारी है। इस महीने कॉटन का भाव करीब साढ़े तीन फीसदी चढ़ गया है। 2 जुलाई को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कॉटन का जुलाई वायदा भाव 22280 रुपए के करीब था। शुक्रवार के कारोबार में इसका भाव 23040 के उच्चतम स्तर को छू गया है, फिलहाल एमसीएक्स पर कॉटन का भाव 140 रुपए या 0.62 फीसदी की तेजी के साथ 22900 रुपए प्रति गांठ के आसपास कारोबार कर रहा है। विदेशी बाजार में कॉटन दिसंबर वायदा का भाव 88 सेंट के उच्चतम स्तर को छू गया है। 
कोटक कमोडिटीज के वाइस प्रेसीडेंट (कमोडिटी रिसर्च) अरविंद प्रसाद के मुताबिक अमेरिकी कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट में 2018-19 में कपास की पैदावार घटने की आशंका जताई गई है। यूएसडीए के मुताबिक भारत में कपास का उत्पादन 2.87 करोड़ गांठ के आसपास रहने  का अनुमान है। इसके अलावा कॉटन की एक्सपोर्ट डिमांड भी बहुत अच्छी रहने की संभावना है। उनका कहना है कि एमसीएक्स पर अगले 8-10 दिन में कॉटन के मौजूदा महीने में डिलीवरी वाले कॉन्ट्रैक्ट का भाव 23500 रुपए प्रति गांठ के स्तर को पार कर सकता है। कॉटन की एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है।
 इसी तरह से अहमदाबाद स्थित पैराडाइम कमोडिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर बीरेन वकील का कहना है कि इस साल मानसून की बारिश में देरी से सौराष्ट्र समेत गुजरात के दूसरे उत्पादक क्षेत्रों में कपास की बुआई पिछड़ी है। इस वजह से इस साल कपास की आवक में करीब 3 हफ्ते की देरी की संभावना है। उनका कहना है कि करीब 30-40 फीसदी आवक दिवाली से पहले शुरू होने की संभावना है, लेकिन ज्यादा मात्रा में कपास की नई फसल की सप्लाई दिवाली के बाद आने के आसार हैं। उनका कहना है कि इस हफ्ते मानसूनी बारिश में तेजी आई है, इसलिए आगे बुआई में तेजी के आसार हैं। 
बीरेन का कहना है कि मौजूदा स्तर से एमसीएक्स पर कॉटन की कीमतों में करीब 1500 रुपए की तेजी की संभावना है। उनका यह भी कहना है कि लंबी अवधि में कॉटन का भाव 25500 रुपए के स्तर को छू सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक गुजरात के सौराष्ट्र में मानसूनी बारिश सामान्य से करीब 72 फीसदी कम हुई है, जबकि पूरे गुजरात में पहली जून से 11 जुलाई के दौरान सामान्य की तुलना में 43 फीसदी कम बारिश हुई है। गुजरात कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में राज्य में फसलों की बुवाई 23.67 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में इस समय तक 45.74 लाख है हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
राज्य की खरीफ की प्रमुख फसल कपास की बुवाई चालू सीजन में अभी तक केवल 11.44 लाख हेक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 19.90 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास की कुल बुवाई में अभी तक 24 फीसदी की कमी आई है।