Thursday, 18 April, 2024
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हर लापता को प्रेमी के साथ भागने का मामला न समझें : HC

Posted at: Jul 16 2018 5:59PM
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मुंबई। साल 2017 में ठाणे जिले से लापता एक लड़की का पता ना लगा पाने पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। पुलिस की नाकामी को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि पुलिस को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है और उसे हर नाबालिग लड़की की गुमशुदगी को सिर्फ प्रेमी के साथ भागने का मामला नहीं समझना चाहिए। 
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की सदस्यता वाली एक पीठ ने 10 जुलाई को जारी अपने आदेश में पुलिस अधिकारियों से कहा कि उन्हें यह मानना बंद कर देना चाहिए कि किसी नाबालिग लड़की की गुमशुदगी का हर मामला उसके अपने प्रेमी के साथ भागने का है, जैसा कि फिल्मों में चित्रित किया जाता है। इस आदेश को जारी करते हुए अदालत ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी भी जताई। 
लोग झेल रहे हैं बच्चों की गुमशुदगी का दर्द' 
एक लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जांच टीमों और बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों को हर मामले को ऐसा नहीं मानना चाहिए। अदालत ने कहा कि अधिकारियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये जीवन की वास्तविक घटनाएं हैं और ऐसे भी लोग हैं जो अपने बच्चों की गुमशुदगी का दर्द सह रहे हैं और गुमशुदा बच्चे भी कष्ट झेल रहे हैं। 
स्टेटस रिपोर्ट अदालत में जमा करने के निर्देश 
अदालत के पिछले निदेर्शों के अनुपालन में अतिरिक्त सरकारी वकील जेपी याज्ञनिक ने दलील दी कि अब तक की गई जांच के मुताबिक नाबालिग लड़की अपने स्कूल के एक लड़के के बहकाने पर घर छोड़ कर भाग गई थी। वहीं, पीठ ने कहा कि यह मामला एक नाबालिग लड़की के कथित अपहरण और उसे उसके माता-पिता के संरक्षण से दूर करने का है। बहरहाल, अदालत ने पुलिस को एक ताजा स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए दो हफ्ते का और समय दिया है और कहा कि उसे उम्मीद है कि अधिकारियों की सोच में कुछ सकारात्मक बदलाव आएगा।