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ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा

Posted at: Jul 17 2018 10:59AM
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ओस्लो। ग्लोबल वार्मिंग पर जारी एक रिसर्च रिपोर्ट में सामने आया है कि दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा धरती पर बढ़ती गर्मी को झेलने के लिए मजबूर है। दुनियाभर में करीब 110 करोड़ की आबादी लगातार प्रकृति से हो रही छेड़छाड़ का दंश झेल रही है। इन लोगों के पास ग्रीन हाउस गैसों के बढ़ते प्रभाव से बचने के साधन नहीं हैं।
ये लोग ग्लोबल वार्मिंग और उसके दुष्प्रभावों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। फ्रिज के अभाव में उनका खाना और दवाइयां खराब हो जाती हैं। हाल में 52 देशों में करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार गर्मी से लड़ने वाले उपकरणों की कमी के कारण ग्रामीण इलाकों के 47 करोड़ और शहरी क्षेत्रों के 63 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक गर्मी से बचने के लिए जरूरी सुख-सुविधाओं की सबसे ज्यादा कमी एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिकी देशों में है क्योंकि दुनिया की सबसे गरीब आबादी यहीं है। एशियाई देशों में भारत, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और इंडोनेशिया शामिल हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने दावा किया है कि 2030 से 2050 के बीच हीट स्ट्रोक्स के कारण हर साल 38 हजार अतिरिक्त मौतें होंगी।
जलवायु परिवर्तन के कारण जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जाएगा, कूलिंग अप्लाएंसेस की बिक्री बढ़ती जाएगी। इसके कारण बिजली की मांग बढ़ेगी जो ग्लोबल वार्मिंग को और बढ़ाएगा। यूनिवर्सिटी आॅफ बर्मिंघम के एक अध्ययन के अनुसार 2050 तक कूलिंग अप्लाएंसेस की बिक्री चार गुना बढ़कर सालाना 140 करोड़ हो जाएगी।