Thursday, 28 March, 2024
dabang dunia

प्रदेश

मध्यप्रदेश : घरवालों ने 22 साल से युवक को खूंटे से बांधकर रखा

Posted at: Jul 29 2018 10:58AM
thumb

छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव में एक विक्षिप्त शख्स को उसी के घरवालों ने 22 साल से एक खूंटे से बांधकर कमरे में कैद कर रखा है। जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर हरपुरा गौर गांव में 58 साल के बैजनाथ यादव को खेत में बने एक छोटे से कमरे में जंजीरों से बांधकर अंधेरे में रखे जाने का खुलासा हाल ही में हुआ है। इस महीने की 17 तारीख को गांव में आए हल्का पटवारी श्यामलाल अहिरवार से बैजनाथ के बेटे देवीदीन यादव ने अपने पिता के नाम की जमीन खुद के नाम पर कराने के लिए संपर्क किया। इस पर पटवारी ने पिता की सहमति जरूरी बताई। इस पर देवीलाल ने अपने पिता की हालत बताई। इसके बाद पटवारी ने बैजनाथ को एक कमरे में जंजीर से बंधा पाया। 
शख्स की गुहार, इस अंधेरे से बचा लो
अहिरवार ने बताया कि उसके घरवालों ने करीब 22 साल से लोहे के खूंटे से बांधकर रखा हुआ है। उन्होंने कहा, खूंटे से बंधे बैजनाथ को देखकर जब मैं उसके पास गया, तो वह हाथ जोड़कर विनती करने लगा कि इस अंधेरे से बचा लो और इन जंजीरों से छुड़वा दो। इसके बाद पटवारी ने यह बात छतरपुर तहसीलदार आलोक वर्मा को बताई।
तहसीलदार ने यह मामला 27 साल से मनोरोगियों के लिए काम कर रहे वकील संजय शर्मा को बताया, जिसके बाद शर्मा उसे छुड़ाने और मनोरोगी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए 21 जुलाई को हरपुरा गौर गांव उसके घर गए। शर्मा ने कहा, हमने उसके परिजनों से उसे बेड़ियों से छुड़ाने को कहा लेकिन बेटे देवीदीन ने यह कहकर उसे छुड़ाने से इनकार कर दिया कि अगर पिताजी को खुला रखा गया तो वह फिर लोगों को मारने लगेंगे। वह 10-12 लोगों के पकड़ने में भी नहीं आते हैं। शर्मा ने कहा, आश्वासन देने के बाद भी उसका बेटा उसे आजाद करने पर राजी नहीं हुआ।
पागलपन के इलाज के लिए पैसे नहीं
उन्होंने बताया कि बैजनाथ का परिवार काफी गरीब है। उनके पास उसका इलाज के लिए पैसा भी नहीं है। शर्मा ने कहा, मैंने उसके परिजनों को समझाया था कि बैजनाथ का इलाज संभव है। उसे अस्पताल में भर्ती करा दूंगा। वह स्वस्थ हो जाएगा लेकिन तब भी वे उसे मुक्त करने के लिए तैयार नहीं हुए। इसी बीच, छतरपुर के कलेक्टर रमेश भंडारी ने कहा, बैजनाथ के मामले में काउंसलिंग करा ली गई है। जांच के लिए इलाके के तहसीलदार और ईशानगर पुलिस थाने की टीम भेजी थी। भंडारी ने कहा, उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए डॉक्टर का प्रमाणपत्र चाहिए, जो अब तक नहीं बन पाया है। शनिवार तक प्रमाणपत्र बन जाएगा और उसके बाद उसे ग्वालियर के अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा।