खेल
Posted at: Jul 30 2018 3:04PM
इंदौर। धार के शटलर सौरभ वर्मा के नाम एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व के 65 नंबर के सौरभ वर्मा ने रविवार को रशिया ओपन टूर सुपर 100 बैडमिंटन टूर्नामेंट का सिंगल्स का खिताब अपने नाम किया। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने। चोट के कारण इस साल संघर्ष कर रहे सौरभ ने इस टूर्नामेंट से अपनी जबर्दस्त वापसी की है।
पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन रहे 25 वर्षीय सौरभ का यह तीसरा इंटरनेशनल खिताब है। उनके भाई समीर वर्मा भी इंटरनेशनल प्लेयर है। सौरभ आॅल इंडिया सीनियर रैंकिंग टूर्नामेंट जीत चुके हैं। इस टूर्नामेंट को जीतने के बाद ही उनका चयन एशियाई खेलों के लिए हुआ था। उन्होंने चीनी ताइपे प्री गोल्ड टूर्नामेंट भी जीता है। सौरभ 2016 में बिटबर्गर ओपन के उपविजेता भी हैं। सौरभ को मार्च में टखने में चोट लगी थी। एशियाई खेलों से ठीक पहले इस खिताबी जीत से उनका मनोबल मजबूत होगा।
जापान के कोकी को हराया
रूस के व्लादिवोस्तोक में स्पोर्ट्स हॉल ओलिंपिक में खेले गए खिताबी मुकाबले में उन्होंने जापान के कोकी वतानबे को 19-21, 21-12, 21-17 से हराया। इससे पहले महिलाओं में रुत्विका शिवानी ने 2016 में खिताब अपने नाम किया था।
कोच पिता से ली ट्रेनिंग
पिता और कोच सुधीर वर्मा के पास अपने खेल को निखारने के बाद पिछले कई वर्षों से दोनों भाई नेशनल से लेकर इंटरनेशनल स्तर तक बढ़िया खेल से अलग पहचान बना चुके हैं। इन दोनों भाईयों ने एशियन खेलों की भारतीय टीम में भी अपना स्थान सुरक्षित किया हैं। दबंग दुनिया से बातचीत में पिता सुधीर वर्मा ने कहा कि यह गौरव का विषय है। एंकल में चोट के कारण सौरभ परेशान रहा था लेकिन इस टूर्नामेंट में उन्होंने सारी बातों को पीछे छोड़कर जबर्दस्त खेल दिखाया है। आगे भी दोनों भाईयों से अच्छे खेल की उम्मीद है। सुधीर वर्मा बेटे की इस उपलब्धि पर खुश हैं। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि बेटा देश के लिए ओलंपिक पदक जीते। उन्होंने सौरभ कि तैयारियों को लेकर बताया कि वह बचपन से काफी मेहनती रहा है।