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50 हजार की मशीन ''रश्मि'' बोलती है हिन्दी, भोजपुरी और मराठी

Posted at: Aug 5 2018 12:35PM
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रांची। हांग-कांग की रोबोट सोफिया की तर्ज पर भारत में भी इंसान जैसी दिखने वाली मशीन बनाई जा रही है। इसे रश्मि नाम दिया गया है। इसे बनाने वाले रंजीत श्रीवास्तव का दावा है कि रश्मि दुनिया की पहली हिंदी बोलने वाली रोबोट है। वह मराठी, भोजपुरी और अंग्रेजी भी बोल सकती है। रंजीत का कहना है कि रश्मि के शरीर का 80% हिस्सा बन चुका है। अब सिर्फ हाथ और पैर बाकी हैं। रश्मि भी सोफिया की तरह अपनी भावनाएं न सिर्फ व्यक्त कर पाएगी, बल्कि लोगों के चेहरे को पहचान पाएगी। सोफिया को 2015 में हॉन्ग कॉन्ग की हैनसन रोबोटिक्स लिमिटेड ने बनाया था। सोफिया को 2017 में सऊदी अरब की नागरिकता भी मिल चुकी है। 
चेहरे भी पहचान लेती है यह रोबोट 
रंजीत ने बताया कि रश्मि को बनाने में उन्हें दो साल लग चुके हैं और अभी काम चल रहा है। अब तक करीब 50 हजार रुपए का खर्च आ चुका है। हालांकि, इसे पूरी तरह तैयार होने में एक महीना और लगेगा। अभी वह अपनी आंखों, होठों और पलकों को हिला लेती है। साथ ही गर्दन घुमाकर इशारे भी कर सकती है। उन्होंने बताया कि वह (रश्मि) एक-दो मुलाकातों के बाद किसी को भी आसानी से पहचान लेती है। इसकी आंखों में लगा कैमरा लोगों की छवि को कैद कर लेता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  (एआई) प्रोग्राम उस व्यक्ति की पहचान जाहिर करने में मदद करता है। सोफिया को बनाने वाले डेविड हैनसन ने बताया था कि सोफिया ह्यूमनॉएड रोबोटिक्स हार्डवेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर, आर्टिफिशियल स्किन मैटेरियल और आवाज पहचानने वाले सॉफ्टवेयर का कॉम्बिनेशन है। सोफिया चेहरे की 48 मसल्स को मूव कर सकती है। सोफिया न सिर्फ चेहरे पर आने वाले एक्सप्रेशंस अच्छी तरह पहचान सकती है, बल्कि यह किसी के भी साथ बातचीत कर सकती है। इस साल की शुरूआत में सोफिया भारत भी आई थी। आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए सऊदी अरब ने सोफिया को नागरिकता दी है।