Friday, 19 April, 2024
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मूवी रिव्‍यू

स्त्री मूवी रिव्यू

Posted at: Aug 31 2018 2:20PM
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कलाकार: राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर, पंकज त्रिपाठी 

निर्देशक अमर कौशिक

आजकल के मॉडर्न जमाने में यूं तो भूत-प्रेत की बात पर कोई यकीन नहीं करता, लेकिन फिर भी कुछ चीजें ऐसी हैं, जो आपको अपने पर यकीन करने के लिए मजबूर कर देती हैं। स्त्री भी देश के कुछ हिस्सों में प्रचलित एक अवधारणा पर आधारित है। माना जाता है कि कुछ खास दिनों में कोई रूह स्त्री का रूप धर कर घर के मर्द का नाम लेकर दरवाजे पर दस्तक देती है और अगर कोई पुरुष दरवाजा खोल देता है, तो वह उसे अपने साथ ले जाती है। बाहर बस उसके कपड़े पड़े रह जाते हैं। 

उससे बचने के लिए लोग अपने घर के बाहर 'ओ स्त्री कल आना' लिख देते हैं, जिसे पढ़ कर वह लौट जाती है और यह सिलसिला रोजाना चलता रहता है। फिल्म स्त्री भी एक विचित्र घटना से प्रेरित बताई जाती है। हालांकि, फिल्म में डायरेक्टर अमर कौशिक ने हॉरर के साथ कॉमिडी का भी तड़का लगा दिया है। फिल्म को रियल टच देने के लिए इसकी शूटिंग भी भोपाल के पास एक ऐसी जगह की गई है, जहां ऐसी घटनाओं के बारे में सुनने में आता रहता है। फिल्म से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शूटिंग के दौरान भी लोगों को खास हिदायत दी गई थी। 

फिल्म में विक्की (राजकुमार राव) मध्यप्रदेश के एक छोटे से कस्बे चंदेरी में एक टेलर है। चंदेरी में साल के चार दिन पूजा होती है। माना जाता है कि उन दिनों में स्त्री लोगों को अपना शिकार बनाती है, इसलिए इन दिनों वहां के लोग खासे सावधान रहते हैं। एक दिन उसकी मुलाकात एक अंजान स्त्री (श्रद्धा कपूर) से होती है। विक्की अपने दोस्तों बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) और जना (अभिषेक बनर्जी) को उसके बारे में बताता है। विक्की उस लड़की से कई बार मिलता है। इसी बीच विक्की का कोई दोस्त और दूसरा दोस्त जना एक के बाद एक करके स्त्री के शिकार बन जाते हैं। तब बिट्टू विक्की को स्त्री की अजीब हरकतों के बारे में समझाता है, तो वे रुद्रा (पंकज त्रिपाठी) की शरण में जाते हैं, जो उन्हें स्त्री की सच्चाई से परिचित कराता है। विक्की और उसके साथी स्त्री से कैसे छुटकारा पाते हैं? यह जानने के लिए आपको सिनेमा जाना होगा। 

डायरेक्टर अमर कौशिक ने फिल्म पर कहीं भी अपनी पकड़ कमजोर नहीं पड़ने दी है। फर्स्ट हाफ में फिल्म मजेदार है, तो सेकंड हाफ में आपको थोड़ा डराती भी है। फिल्म आपको आखिर तक बांधे रखती है, लेकिन इसका क्लाइमैक्स और बेहतर हो सकता था। बेशक स्त्री से अमर ने हॉरर कॉमिडी का एक नया जॉनर आजमाया है। राजकुमार राव ने फिल्म में हमेशा की तरह बढ़िया ऐक्टिंग की है। यह राजकुमार का यंग जेनरेशन में क्रेज ही है कि सुबह के शो में युवाओं की खासी भीड़ मौजूद थी। 

पंकज त्रिपाठी ने एक बार फिर शानदार ऐक्टिंग की है। देसी रोल में उनका कोई जवाब नहीं। वहीं श्रद्धा कपूर के पास फिल्म में करने के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं था, बावजूद इसके वह ठीक लगी हैं। वहीं अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी भी मजेदार लगे हैं। फिल्म में सुमित अरोड़ा के डायलॉग खासे मजेदार हैं, जो आपको पेट पकड़ कर हंसने पर मजबूर कर देते हैं। केतन सोढा ने हॉरर फिल्म के लिहाज से दमदार बैकग्राउंड स्कोर दिया है। वहीं फिल्म में दो आइटम नंबर भी हैं। इस वीकेंड आप कुछ लीक से हटकर मजेदार देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म मिस मत करिए।