Friday, 19 April, 2024
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माइक्रोबायोलॉजी में बना सकते हैं करियर

Posted at: Sep 8 2018 5:09PM
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साइंस के स्‍टूडेंट्स के लिए अब कोर्स सीमित नहीं रह गए हैं। नए दौर में माइक्रोबायोलॉजी के फील्‍ड में अपार संभावनाएं हैं और माइक्रोबायोलॉजिस्ट की डिमांड दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। ये ऐसा सब्जेक्ट है जिसमें स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि के अलावा कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां माइक्रोबायोलॉजी का यूज सबसे ज्यादा होता है। बायोलॉजी और केमिस्ट्री के मेल से बना ये सब्जेक्ट न केवल द‍िलचस्‍प है बल्कि काफी रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़ा होने के कारण उपयोगी भी है। यही कारण है कि आज के स्टूडेंट्स इस सब्जेक्ट को बहुत पसंद भी है।
 
पर्यावरण संतुलन से लेकर खाद्य संरक्षण, मेडिसिन फील्ड खासकर एंटीबायोटिक्स के निर्माण, फैक्ट्रियों, मेडिकल क्षेत्र, कृषि उत्पादन, पेय पदार्थों के निर्माण, रसायन फैक्ट्रियों के अलावा इत्र या परफ्यूम बनाने के क्षेत्र में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत होती है। बेसिकली ये रिसर्च बेस्ड फील्ड है। तेजी से बढ़ते वैज्ञानिक युग में इस तरह के कोर्स की काफी डिमांड है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट का काम माइक्रो ऑर्गेन‍िज्‍म्‍स पर रिसर्च करना होता है। इन जीवाणुओं को हम केवल माइक्रोस्कोप के जरिए ही देख सकते हैं। इसके लिए बॉयलॉजी और केमिस्ट्री का मंत्र यहीं काम आता है।
 
शैक्षिक योग्यता
बीएससी में दाखिले के लिए जहां 12वीं बायोग्रुप के साथ होना जरूरी है, वहीं एमएससी माइक्रोबायोलॉजी के लिए बीएससी माइक्रोबायोलॉजी एवं मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी के साथ 55 प्रतिशत अंकों के साथ होनी चाहिए।
 
जानें कोर्स ड‍िटेल
माइक्रोबायोलॉजी से जुड़े कई पाठ्यक्रम तमाम यूनिवर्सिटीज़ में चल रहे हैं। इनमें बीएससी व बीएससी ऑनर्स माइक्रोबायोलॉजी, बीएससी इंडस्ट्रियल व बीएससी ऑनर्स इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, बीएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, एमएससी व एमएससी ऑनर्स माइक्रोबायोलॉजी, एमएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी प्रमुख है। माइक्रोबायोलॉजी के तहत माइक्रोबायल फिजियोलॉजी, माइक्रोबायल जेनेटिक्स, मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी, वेटनरी माइक्रोबायोलॉजी, एनवायरनमेंटल माइक्रोबायोलॉजी, इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी, फूड माइक्रोबायोलॉजी, फार्मास्यूटिकल माइक्रोबायोलॉजी, ऐरो माइक्रोबायोलॉजी और ओरल माइक्रोबायोलॉजी आदि कोर्सेज में स्पेश्लाइजेशन कर सकते हैं।
 
यहां हैं करियर ऑप्शन्स
दवा कंपनियों, लेदर एवं पेपर उद्योग, फूड प्रोसेसिंग, बायोटेक तथा बायोप्रोसेस संबंधी उद्योग, प्रयोगशालाओं, अस्पतालों, जनस्वास्थ्य के कामों में लगे गैर सरकारी संगठनों के अलावा रिसर्च सेंटर जैसे कई फील्ड हैं जहां जॉब के आप्शन्स हैं। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों, स्कूल और यूनिवर्सिटीज में टीचिंग जॉब का ऑप्‍शन भी है। बायोटेक एवं बायोप्रोसेस संबधी उद्योग के अलावा विभिन्न मेडिकल कॉलेज में भी अच्छे अवसर हैं।
 
यहां से कर सकते हैं माइक्रोबायोलॉजी कोर्स
दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली 
डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ
पुणे विश्वविद्यालय, पुणे 
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला 
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
माइक्रोबायोलॉजी में करियर की शुरुआत अमूमन 3-4 लाख के सालाना पैकेज से होती है। इंस्‍टीट्यूट और यूनिवर्स‍िटी के आधार पर भी पैकेज डिसाइड होता है। वहीं अनुभव और दक्षता के साथ इस फील्‍ड में आगे बढ़ने की भरपूर संभावनाएं हैं।