प्रदेश
Posted at: Sep 19 2018 10:00PM
अमरावती। आंध्र प्रदेश में गोदावरी स्रान भगदड़ मामले की जांच के लिए न्यायाधीश सी. वाई. सोमायाजुलु की अध्यक्षता में गठित जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को दोषमुक्त बताया है। श्रम मंत्री पी सत्यनारायण ने बुधवार को सोमायाजुलु जांच आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। गौरतलब है कि 14 जुलाई 2015 को राजमुंद्री में गोदावरी पुष्करम के पहले दिन भगदड़ मचने से 27 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। सरकार ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सी. वाई. सोमायाजुलु के नेतृत्व में एक जांच आयोग बनाया और आयोग ने अपनी 17 पृष्ठों की रिपोर्ट सरकार को सौंपी।
जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि लोगों को एक शुभ समय पर स्रान करना था और सभी श्रद्धालु इसी शुभ समय में पवित्र नदी में डुबकी लगाने के लिए एक ही समय में एक साथ नदी की तरफ बढ़ने लगे जिससे भगदड़ मच गयी और लोग हादसे का शिकार हो गए। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री के स्रान की वजह से भगदड़ नहीं मची। जांच आयोग ने उस समय तैनात अधिकारियों से पूछताछ की और घायलों से घटना के बारे में पूछताछ की।
इस बीच विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सोमायाजुलु जांच आयोग की रिपोर्ट को खारिज किया और आरोप लगाया कि श्री नायडु के स्रान के कुछ घंटों बाद तक लाखों श्रद्धालुओं को नदी में स्रान करने की अनुमति नहीं दी गई थी। श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री के स्रान के बाद ही स्रान की अनुमति दी गई , जिससे श्रद्धालु एक साथ नदी में जाने की कोशिश करने लगे और इस कारण भगदड़ मची। वाईएसआरसीपी प्रवक्ता वी पदमा ने कहा कि आयोग ने दुर्घटना के पीछे कारणों की खोज के बजाय मुख्यमंत्री को निर्दोष बताने का काम किया है।