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कल होगी पांचों राज्यों में मतगणना - नतीजे आने से पहले ही जोड़-तोड़ में जुटी पार्टियां

Posted at: Dec 10 2018 11:21AM
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नई दिल्ली। पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना होने जा रही है। इस दिन पता चलेगा कि इन राज्यों में किसके हाथ से सत्ता निकल गई और किसने कुर्सी बरकरार रखी, लेकिन नतीजे आने से पहले ही प्रमुख दल सियासी जोड़-तोड़ में जुट गए हैं। 
सीएम शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लगातार संपर्क में हैं। हालांकि तीनों मुख्यमंत्रियों ने भाजपा  की जीत के दावे किए हैं। उधर, इन तीनों राज्यों में कांग्रेस भी उत्साहित है और सरकार बनाने की संभावनाओं पर  लगातार हाईकमान से विचार विमर्श कर रही है। कुल मिलाकर नतीजों से पहले सरकार बनाने की जोड़तोड़ शुरू हो गई है। तेलंगाना में भी भाजपा ने टीआरएस के साथ देने की बात कही है, वहीं कांग्रेस ने कहा है कि उसे ओवैसी की पार्टी के साथ जाने से कोई दिक्कत नहीं है। 
अमित शाह ने बनाई रणनीति
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में पार्टी महासचिवों की बैठक ली। इस बैठक में शाह ने राम माधव, भूपेन्द्र यादव, अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, सरोज पांडेय और अनिल जैन के साथ रणनीति बनाई । कहा जा रहा है कि पार्टी के खुद के सर्वे में  विपरीत रिजल्ट सामने आए हैं। सूत्रों का मानना है कि यह भी चर्चा हुई है कि यदि पार्टी को पर्याप्त संख्या नहीं मिली तो उनके संभावित सहयोगी कौन हो सकते हैं?
मध्यप्रदेश भाजपा-कांग्रेस को है सहयोगियों की तलाश
मप्र में एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला बताया गया है। यानी दोनों ही दल सरकार बनाने के जादुई आंकड़े के करीब हैं, लेकिन आखिर में बहुमत होगा किसके साथ, इसको लेकर अब चर्चाओं का बाजार गर्म हो उठा है। दोनों ही दल सहयोगियों की तलाश में जुट गए हैं। एग्जिट पोल के सर्वे में इस बार तीसरे दल और निर्दलीयों को बीते चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलना बताया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि 30 से ज्यादा सीटों पर बागी लड़ रहे हैं। ये बागी दोनों पार्टियों का गणित बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में इसको लेकर लगातार मंथन हो रहा है।
पिछली बार यह हुआ था
पिछले विधानसभा चुनाव में, 33 सीटों का भाग्य एक प्रतिशत से कम वोटों से तय हुआ था।  सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को छूने को बेताब कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि सत्ता तक जाने के लिए यदि जरूरी हुआ तो समान विचार वाले दलों और निर्दलीयों का सहयोग लिया जाएगा, जबकि  बीजेपी भी इस बार चुनाव में नतीजों के उलट-पलट होने के खौफ में है। भाजपा मान रही है कि यदि कहीं जरूरी आंकड़ा छूटा तो हालातों के मुताबिक फैसला होगा। ऐसे में वह भी जोड़-तोड़ में लगी है।
भाजपा के अंदर बयानबाजी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा कि यदि प्रदेश में बीजेपी हारती है तो उसके जिम्मेदार शिवराज सिंह चौहान होंगे। उन्होंने कहा कि 'माई के लाल' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं होता तो प्रदेश में 10 से 15 सीटें अपने आप बढ़ जातीं। 
छत्तीसगढ़ - हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका से डरे हुए हैं दोनों दल
छत्तीसगढ़ में दलों को विधायकों के खरीद-फरोख्त की चिंता सता रही है। हॉर्स  ट्रेडिंग की चिंता में सहमे दलों ने प्रत्याशियों को निर्देश दिया है कि जीत का प्रमाण पत्र लेकर सीधे पार्टी द्वारा निर्धारित किए गए स्थल पर पहुंचे। जनता कांग्रेस व बसपा को तीन से पांच सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है। 
तेलंगाना - भाजपा ने दिया आॅफर टीआरएस ने ठुकराया
भाजपा के तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष  के. लक्ष्मण ने टीआरएस की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में तेलंगाना राष्ट्र समिति को समर्थन देने की बात कही है। वैसे टीआरएस ने भाजपा का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। यहां कांग्रेस को भी ओवैसी की पार्टी के साथ जाने दिक्कत नहीं है।
राजस्था - ननिर्दलीय उम्मीदवारों पर दोनों दलों की निगाह
राजस्थान विधासभा की 199 सीटों पर मतदान हुआ है। दोनों ही दलों के दिग्गज जयपुर से लेकर दिल्ली तक दौड़-भाग कर रहे हैं। मकसद-सरकार बनाने के लिए जरूरी 101 विधायकों का जादुई आंकड़ा छूना है। संख्याबल जुटाने के लिए अन्य दलों और निर्दलीयों को साधने की रणनीतियां भी बनाई जा रही हैं। भाजपा-कांग्रेस की नजर उन 50 से ज्यादा बड़े बागियों पर भी है। दोनों दलों की चिंता इस बार पिछले चुनाव से 1.46 फीसदी कम मतदान ने बढ़ा रखी है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने सोनिया से मुलाकात की है। 
सीएम को लेकर कांग्रेस में कयास
प्रदेश में कांग्रेस खेमे में अब भी कयासों का दौर जारी है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। वहीं सीएम वसुंधरा कोर कमेटी की बैठक ली है।