खेल
Posted at: Dec 14 2018 3:35PM
भुवनेश्वर। घरेलू जमीन पर 43 साल बाद विश्वकप सेमीफाइनल में पहुंचने से चूकी भारतीय पुरूष हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने मेजबान टीम की हॉलैंड के खिलाफ क्वार्टरफाइनल हार के लिए अंपायर के फैसलों को जिम्मेवार ठहराया है। भारत को कलिंगा स्टेडियम में रोमांचक क्वार्टरफाइनल मुकाबले में 1-2 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस हार के बाद कोच ने संवाददाता सम्मेलन में कहा - मेरी टीम के 11 लड़ाके विपक्षी टीम के 11 खिलाड़यिों से खेल सकती है लेकिन वह 13 विपक्षियों से नहीं लड़ सकती है। भारतीय पुरूष हॉकी टीम इस हार के कारण 43 वर्ष बाद विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना पूरा नहीं कर सकी। भारत ने आखिरी बार वर्ष 1975 में हॉकी विश्वकप के सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई किया था।
हरेंद्र ने घरेलू प्रशंसकों से माफी मांगते हुये कहा कि रेफरी की गलतियों और उनके गलत निर्णय भारतीय टीम की हार की बड़ी वजह है। उन्होंने कहा - मैं इस बात को आज खुलकर बताना चाहता हूं जो मैंने पहले नहीं की। मैंने एशियन गेम्स में भी अपना विरोध दर्ज नहीं कराया। इन खेलों में मलेशिया के खिलाफ शूटआउट में मेरे कप्तान को गलत तरीके से येलो कार्ड दिया गया था जबकि यह गलत निर्णय था। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ में अंपायरिंग ही एक ऐसी समिति है जो सुधरने के लिये तैयार नहीं है। हमें यकीन है कि यदि इसमें बदलाव नहीं होगा तब तक हमें ऐसे ही परिणाम देखने को मिलेंगे।