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गणपति विसर्जन के दौरान ध्‍यान रखें ये बातें, ऐसे करें घर से विदा

Posted at: Sep 11 2019 11:26AM
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देश में इन दिनों गणेश महोत्सव की धूम है। लेकिन यह धूम अब सुनाई नहीं देगी, क्‍येंकि अब भगवान गणेश जी के विसर्जन का समय आ गया है। हर साल गणेश चतुर्थी पर बप्पा के भक्त उन्हें अपने घर में बैठाकर अनंत चतुर्दशी के दिन विदा कर देते हैं। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है। दस दिन बाद गणपति के भक्त खुशहाली की कामना करते हुए 'गणपति बाप्पा मोरया, अबके बरस तू जल्दी आ' कहते हुए गणेश जी को  प्यार से अपने घर से विदा कर देते हैं।
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाता है। इस बार अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर गुरुवार के दिन है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है। यूं तो इस दिन कभी भी किसी भी समय गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है लेकिन विद्वानों के अनुसार, इस बार सुबह 6 से 7 बजे और दोपहर 1:30 से 3 बजे तक का समय प्रतिमा विसर्जन के लिए ठीक नहीं है। इसके अलावा आप किसी भी समय विसर्जन कर सकते हैं।
वही कई बार लोग वक्त की कमी की वजह से गणेश जी को डेढ़ दिन, चार दिन, पांच दिन या फिर सात दिन में ही विसर्जित कर देते हैं मगर गणपति विसर्जन का उपयुक्त समय स्थापना के 11वें दिन होता हैं वही ऐसे में कुछ लोग गणपति विसर्जन कर चुके हैं और कुछ करने वाले हैं वही अगर आप भी इस अनंत चतुर्दशी को भगवान श्री गणेश का विसर्जन करने जा रहे है तो पहले जान लें गणपति विसर्जन से जुड़ी कुछ खास बातें और नियम विधि।
गणपति विसर्जन की पूजा विधि 
विसर्जन के दिन परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ मिलकर आरती करनी चाहिए। आरती में गणपति को 5 चीजें- दीप, फूल, धूप, सुगंध और नैवेद्य आदि चढ़ाए जाते हैं। आरती करने के बाद भगवान गणेश को भोग लगाया जाता है। भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों के बीच बांट दिया जाता है। आरती और प्रसाद के बाद परिवार का एक सदस्य एकदम धीरे-धीरे गणपति की मूर्ति को थोड़ा आगे बढ़ाता है। ऐसा घर से निकलने के 5 से 10 मिनट पहले किया जाता है। ऐसा करना गणपति को इशारा करता है कि अब विसर्जन का समय आ गया है।