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दो साल में वाहन उद्योग में 30 प्रतिशत बढ़ेगा निवेश: क्रिसिल

Posted at: Jun 18 2018 5:22PM
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मुंबई। देश में वाहनों की लगातार बढ़ती मांग और नए नियामकों के कारण डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी में बदलाव की जरूरत के मद्देनजर वाहन निर्माता कंपनियां दो साल में पूंजी निवेश 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा सकती हैं। साख निर्धारक एवं बाजार अध्ययन कंपनी क्रिसिल रेटिंग्स की सोमवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 में वाहन निर्माता कंपनियाँ कुल 58,000 करोड़ रुपए का पूँजी निवेश कर सकती हैं। यह पिछले दो वित्त वर्षों के कुल निवेश से 30 प्रतिशत अधिक है। कुल निवेश में सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत यात्री वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा किये जाने की संभावना है। यात्री वाहन में कारें, उपयोगी वाहन और वैन शामिल हैं। वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों की निवेश में 20 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि शेष निवेश दुपहिया वाहन निर्माताओं की ओर से किया जाएगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी खंडों - यात्री वाहन, वाणिज्यिक वाहन और दोपहिया वाहन - में शीर्ष दो कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी अभी 60 से 70 प्रतिशत के बीच है। यात्री वाहन खंड में शीर्ष दो कंपनियाँ पूरी क्षमता पर उत्पादन कर रही हैं तथा घरेलू माँग पूरी करने के लिए उन्हें अपने निर्यात में भी कटौती करनी पड़ रही है। अन्य खंडों में शीर्ष कंपनियाँ क्षमता का 70 से 75 प्रतिशत उत्पादन कर रही हैं।
 
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, अपेक्षित 58,000 करोड़ रुपए के निवेश में से लगभग आधा बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने में इस्तेमाल किया जायेगा। शेष निवेश कड़े नियमनों के अनुरूप नये उत्पाद तथा प्रौद्योगिकी के विकास में किया जायेगा। लोगों की बढ़ती व्यय क्षमता और औद्योगिक एवं ग्रामीण गतिविधियों के गति पकड़ने के कारण वित्त वर्ष 2019-20 तक सभी वाहन खंडों की बिक्री आठ-नौ प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।