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जॉब के लिए ऐसा होना चाहिए आपका रिज्यूम

Posted at: Nov 7 2018 10:50AM
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रिज्यूमे किसी भी जॉब के बंद ताले को खोलने की पहली चाबी होती है। इसलिए इसे बनने के लिए अपनी सारी योग्यता का परिचय पहले यही देने होता है। तो आइए इसे बनाते हुए किन प्वाइंट्स पर काम किया जाए।
 
रिज्यूमे आपके ज्ञान और योग्यता का एक वर्चुअल रूप होता है। इसलिए इसे बनाने के लिए अपनी सारी योग्यता यहां दिखानी होगी। इंटरव्यू तक पहुंचने के लिए जरूरी है कि अपने रेज्यूमे को एट्रेक्टिव बनाया जाए और साथ ही कम शब्दों में अपनी सारी जानकारी उसमें दी जाए। तो आइए जानते हैं कि किसी रेज्यूमे को बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होगा।
 

कंपनी की जरूरत पहचानें
जिस भी कंपनी में आप अपना रेज्यूमे दे रहे हैं उस कंपनी की जरूरतों और अपेक्षाओं के आधार पर अपना रेज्यूमे बनाएं। एक ही रेज्यूमे हर जगह नहीं दिया जा सकता। कंपनी की जरूरत अगर आपसे पूरी होती नजर आएगी तो आप तुरंत इंटरव्यू के लिए सलेक्ट हो सकेंगे।

कंपनी की अंदरूनी जानकारी जुटाएं
कंपनी में रेज्यूमे  भेजने से पहले उस कंपनी के बैकग्राउंड को जानें। कंपनी की अंदरूनी जानकारी लें और उसके आधार पर अपना रेज्यूमे बनाएं। कंपनी की जरूरत के अनुसार अपने काम को रेज्यूमे  में हाईलाइट करें ताकि आप पहली ही नजर में सलेक्ट हो सकें।
 
एट्रेक्टिव सीवी को कॉपी करें
जब भी आप रेज्यूमे बनाएं तो साथ में दूसरी सीवी को भी जरूर कंसल्ट करें। किसी के रेज्यूमे  में अगर आपको कुछ अच्छा नजर आता है तो उसे अपने रेज्यूमे में भी शामिल करें। इसके लिए जिस कंपनी में आप एप्लाई कर रहे हैं उस कंपनी के इंप्लाइज से भी हेल्प ले सकते हैं।
 
बुलैट फॉर्म में लिखें
इसमें आपको अपनी करेंट जॉब और वर्किंग बैकग्राउंड के साथ शुरुआत करनी चाहिए। आप जिस भी कंपनी में जो भी काम कर रहे हैं उसे बुलैट फॉर्म में लिखें। साथ ही हाल ही में पूरे किए गए एसाइनमेंट्स के बारे में विस्तार से जानकारी दें, ताकि पिछले कुछ समय में आपके द्वारा किया गया काम ज्यादा बेहतरी से समझा जा सके। 
 
कीवर्ड्स का है जमाना
इन दिनों बहुत से रिकू्रटर रेज्यूमे शॉर्टलिस्ट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रयोग करते हैं। उनके विशेष स्कैनर रेज्यूमे में प्रयोग हुए कीवर्ड्स की पहचान कर उन्हें देखते हैं। इसलिए ध्यान रहे कि नौकरी से संबंधित सभी कीवर्ड्स का समझदारी से इस्तेमाल किया जाए, जिससे आपके लिए संभावनाएं अधिक हों।
 
कम शब्दों में कहें बात
रेज्यूमे आपके व्यक्तित्व और क्षमताओं की पहली पहचान पेश करता है। इसका उद्देश्य ही होता है कि नियोक्ता कैंडिडेट को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित करे। इसलिए रेज्यूमे में जितना हो सके उतनी शॉर्ट बात करें। लंबी पोथी बनाने से बचें क्योंकि कोई भी नियोक्ता बहुत लंबा रेज्यूमे नहीं पढ़ता। इसलिए अपना और दूसरों का समय बचाएं।  
 
योग्यता को रखें ऊपर
किसी प्रोफेशनल्स कोर्स, संबंधित ट्रेनिंग या वर्कशॉप का जिक्र जरूर किया जाना चाहिए। ऐसा कोई कोर्स जो नौकरी से संबंधित नहीं है, उसे रेज्यूमे में शामिल न करें।
 
नहीं होनी चाहिए स्पेलिंग मिस्टेक्स 
एक बार सीवी पूरा हो जाने के बाद उसे ध्यान से पूरा पढ़ लें। कहीं कुछ छूट न रहा हो इसके लिए दो-तीन बार पढ़ लेना अच्छा रहता है। अगर नियोक्ता को आपके सीवी में स्पेलिंग की भूल या फिर टाइपोग्राफिक की गलतियां नजर आती हैं तो आपका इंप्रेशन उस पर गलत जाता है।