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जल प्रबंधन में गुजरात नंबर वन, मप्र का तीसरा स्थान

Posted at: Aug 25 2019 2:59AM
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नई दिल्ली। जल प्रबंधन के मामले में राज्यों ने अपना प्रदर्शन बेहतर किया है, लेकिन भारत के जल संकट से निपटने के लिए जो चाहिए, वहां तक पहुंचने के लिए अभी लंबी दूरी तय करनी बाकी है। नीति आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जल प्रबंधन तरीकों को लेकर रैंकिंग जारी की। इस रैंकिंग में गुजरात सबसे ऊपर, दिल्ली दूसरे और मप्र तीसरे स्थान पर रहा, जबकि दिल्ली सबसे नीचे रही जबकि सबसे ज्यादा बेहतरी हरियाणा में देखने को मिली है। ज्यादातर राज्यों का स्कोर 50 के नीचे - चिंता की बात यह है कि 27 में से 16 राज्यों का 100 में स्कोर 50 के नीचे है और यह खराब प्रदर्शन की कैटिगरी में आता है।
 
इन राज्यों में 47 प्रतिशत आबादी है, 40 प्रतिशत कृषि उत्पादन और भारत का 35 प्रतिशत आर्थिक उत्पादन होता है। इनमें दिल्ली, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान और उत्तराखंड शामिल हैं। आयोग ने कहा है कि भारत में गुजरात और मध्य प्रदेश को छोड़कर कोई भी टॉप 10 कृषि उत्पादक 60 से ज्यादा अंक हासिल नहीं कर सका है। आयोग ने यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य और दिल्ली जैसे राज्य, जो अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं, उनका इंडेक्स काफी कम है। बता दें कि यह इंडेक्स 9 मानकों के आधार पर तय होता है-जल संसाधन को पुनर्जीवित करना, भूमिगत जल के स्रोतों में बढ़ोतरी, सिंचाई के सप्लाइ-साइड का प्रबंधन, वॉटरशेड डिवेलपमेंट, सिंचाई में भागीदारी, खेतों में पानी के इस्तेमाल के सतत तरीके, ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी, शहरी इलाकों में पानी की सप्लाइ और सैनिटेशन और नीति और प्रशासन।