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मैराथन में गर्भवती महिलाओं को दौड़ा दिया

Posted at: Feb 10 2018 12:09PM
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- अदिति मिश्रा
रतलाम। महिलाओं और बच्चों की देखरेख व सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले सरकारी महकमे द्वारा रतलाम जिले में लापरवाही और संवेदनहीनता की हदों को पार करने का मामला सामने आया है। महिला एवं बाल विकास विभाग रतलाम ने मैराथन में गर्भवती और शिशुवती महिलाओं को दौड़ा दिया। मामले में राज्य शासन ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर से जवाब तलब किया है। 
 गौरतलब है कि 1 से 7 अगस्त 2017 के बीच राज्य के सभी जिलों में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में  स्तनपान का महत्व समझाने के लिए प्रचार-प्रसार हेतु कई कार्यक्रम आयोजित किए जाने थे। रतलाम जिले में कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में गंभीर लापरवाही एवं अनियमितता उजागर हुई है। मामले का खुलासा भी खुद रतलाम के महकमे द्वारा भोपाल भेजी गई जानकारी से ही हुआ है। इसके बाद मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य शासन की ओर से संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के आयुक्त संदीप यादव ने रतलाम कलेक्टर को पत्र भेजकर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 
कलेक्टर को करना होगा सत्यापन 
संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा के आयुक्त  ने रतलाम जिले से भेजी गई जानकारी के आधार पर लचर प्रदर्शन एवं लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। जिले में लगभग 90 प्रतिशत परियोजनाओं की जानकारी नहीं भेजे के साथ ही किए गए आयोजनों में भी गंभीर लापरवाही सामने आई है। आयुक्त ने स्वयं पत्र में नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर से जिले में हुई गतिविधियों की जानकारी का सत्यापन कर कार्रवाई के लिए कहा है। 
90 प्रश. की जानकारी ही नहीं...
- जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की 10 परियोजनाएं हैं और सभी की रिपोर्ट भेजी जानी थी परंतु केवल 1 परियोजना की रिपोर्ट भेजी गई यानी केवल 10 प्रतिशत। 90 प्रतिशत की जानकारी भोपाल नहीं भेजी गई। 
- जिले में विभाग द्वारा संचालित 2124 आंगनवाड़ी केंद्रों में से मात्र 410 आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी अपलोड की गई।
इसलिए जताई कड़ी नाराजगी
- आईवायसीएफ व्यवहार क्रियान्वयन हेतु संवेदनशीलता से कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए।
- जनपद पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा में प्रतिभागियों में संदेहास्पद स्थिति। 
- मैराथन जैसी गतिविधियों में गर्भवती और शिशुवती की भागीदारी आपत्तिजनक व खतरनाक 
की जाएगी जांच
मामला अभी संज्ञान में आया है। मामला करीब 6 महीने पुराना है इसलिए इसमें जांच एवं सत्यापन किया जाएगा। अगर गर्भवती, शिशुवती को मैराथन में दौड़ाया गया है तो यह बेहद गंभीर एवं संवेदनहीन बात है। दोष सिद्ध होने पर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 
सोमेश मिश्रा, प्रभारी कलेक्टर