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भाजपा की लोकप्रियता से घबराया विपक्ष, सांप-नेवले की दोस्ती करने में जुटा

Posted at: Aug 29 2018 2:19PM
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- रमेश पाण्डेय 
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा मंगलवार को हिन्दी दैनिक दबंग दुनिया के रायपुर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने यहां करीब घंटे भर से अधिक समय व्यतीत कर राज्य से लेकर केन्द्र तक की राजनीति पर बेबाकी से बात की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की लोकप्रियता बढ़ी है। इससे घबराकर विपक्षी दल उसी भांति महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं जैसे बाढ़ आ जाने पर खुद को संकट में देख सांप और नेवला पेड़ की एक डाल पर नजर आते हैं। उन्होंने दावा किया किया कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में चौथी बार भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी। 
उन्होंने अपने दावे के समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि 2003 के पहले छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभाग को काला पानी की संज्ञा दी जाती थी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 2003 से 2013 के बीच 11 नए जिलों का सृजन किया, जिसमें सर्वाधिक 7 नए जिले आदिवासी बाहुल्य इलाकों में सृजित किए गए। नए जिलों का सृजन किए जाने से क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हुआ और जो इलाके पिछड़े थे वे विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने लगे। उन्होंने कहा कि सरकार की इन्ही नीतियों के चलते वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल का क्षेत्र भी विकसित नजर आ रहा है। 
पिछड़े समाज की प्रतिभाएं निखकर सामने आईं
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री  रामसेवक पैकरा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के चलते आदिवासी बाहुल इलाकों में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला। स्कूल और कालेज की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के बाद पिछड़े समाज के साथ ही आदिवासी समाज की प्रतिभाएं निखरकर सामने आईं। आज पिछड़े और आदिवासी समाज के बच्चे मेडिकल, इंजीनियरिंग और सिविल सेवा की परीक्षाओं को उत्तीर्ण हो रहे हैं। यह मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सफल प्रयास का जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का समग्र रुप से विकास हुआ है।
सस्ते दाम पर भरपेट भोजन
छत्तीसगढ़ सरकार की सार्वजनिक आपूर्ति नीति की सराहना करते हुए गृहमंत्री पैकरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में लोग खुद्दी और कनकी खाकर दिन गुजारा करते थे। आज मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा लागू की गई सार्वजनिक आपूर्ति नीति के कारण लोगों को सस्ते दर पर भरपेट भोजन मिल रहा है। जब लोगों का पेट भरने की चिंता सरकार ने की तो वे लोग खेतों में काम करने के साथ ही अपने बच्चों को शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने लगे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पिछले 14 सालों में छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों के लोगों की पेट पालने की चिंत दूर हो गई है। अब लोग अन्य कार्यों में अपना हाथ बंटा रहे हैं। 
2022 तक नक्सल उन्मूलन 
राज्य के बस्तर और सरगुजा संभाग में नक्सल गतिविधियों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में गृहमंत्री पैकरा ने साफ कहा कि 2003 के पहले नक्सल प्रभावित इलाकों में दिन में भी लोगों का चलना मुश्किल था। उसकी तुलना में वर्तमान समय में पूरी तरह से नक्सली खौफ खत्म हो गया है। राज्य की सीमा से सटे कुछ इलाकों में छुटपुट घटनाएं नक्सली करते रहते हैं। इस संबंध में जिस तरह से राज्य सरकार रणनीति बनाकर काम कर रही है उससे इस बात की प्रबल संभावना है कि 2022 तक राज्य से नक्सलियों का उन्मूलन कर दिया जाएगा। 
सरकार के प्रति भरोसा बढ़ा
गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में जिस तरह से सभी क्षेत्रों में विकास की रोशनी पहुंच रही है उससे लोगों का भरोसा सरकार के प्रति बढ़ा है। इसका उदाहरण नक्सली गतिविधियों में शामिल बड़ी संख्य में युवाओं का अत्मसमर्पण किया जाना है। उन्होंने बताया कि कुछ बाहरी नक्सली यहां आकर आदिवासी युवाओं को गुमराह कर उनका शोषण किया करते हैं। ऐसे लोग नहीं चाहते कि सरकार की योजनाएं उनके पास तक पहुंचे। इस बात से अब आदिवासी युवक परिचित हो चुके हैं। अब वे नक्सलियों के बहकावे में नहीं आ रहे हैं। आने वाले दिनों में बस्तर और सरगुजा जैसे इलाके की तस्वीर बदली नजर आएगी।