हरियाणा
Posted at: Mar 9 2018 4:55PM
चंडीगढ़। हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने वर्ष 2019 के बजट शुक्रवार को विधानसभा पेश किया। यह बजट अब तक का सर्वाधिक बजट है। जिसमें 1,15,198.20 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। माना जा रहा है कि आगामी चुनावों को देखते हुए इस बजट को पेश किया गया है।
विधानसभा चुनावों के लिये जमीन तैयार करने के मद्देनजर वर्ष 2018-19 के बजट में नये कर और मौजूदा करों में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं कर राज्य की जनता तथा मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में सीएनजी का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों के लिये इस गैस पर वैट की दर वर्तमान 12.6 प्रतिशत से घटा कर छह प्रतिशत कर बड़ी राहत प्रदान की है।
वर्ष 2017-18 के कुल 1,02,329.35 करोड़ रूपये के बजट के संशोधित अनुमानों के मुकाबले इस बार बजट में 14.4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा सरकार जब से सत्ता में आई है तभी से यह 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' की अवधारण पर काम करते हुये क्षेत्रवाद और बिना किसी भेदभाव के राज्य के संतुलित और एक समान विकास की नीति पर काम कर रही है। राज्य सरकार के गत चार साल के कार्यकाल में अब तक पेश किये गये चार बजट बेहतर वित्तीय प्रबंधन और उपलब्ध संसाधनों के सही उपयोग से आये उतरोत्तर अच्छे परिणामों की ओर इंगित करते हैं। सरकार राजस्व घाटे के बढ़ते रूझान को नीचे की ओर लाने में सफल रही है। राजस्व घाटा जो वर्ष 2016-17 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद(जीएसडीपी) का 2.92 प्रतिशत था इसके चालू वित्त वर्ष में घट कर 1.35 प्रतिशत तक रह जाने की सम्भावना है। वर्ष 2018-19 में इसे 1.20 प्रतिशत तथा वर्ष 2019-20 तक इसे शून्य के करीब लाने का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार वित्तीय घाटे को भी 14वें वित्तायोग द्वारा निर्धारित जीएसडीपी के तीन प्रतिशत की सीमा में अंदर रखने में कामयाब रही है। वर्ष 2017-18 में वित्तीय घाटा केंद्र की उदय योजना सहित 2.83 प्रतिशत तथा वर्ष 2018-19 में 2.51 प्रतिशत रहने की सम्भावना है।