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गर्भनिरोधक उपायों से एचआईवी संक्रमण का खतरा नहीं

Posted at: Jun 14 2019 12:04PM
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जेनेवा। वैज्ञानिकों ने ताजा अनुसंधान में पाया  है कि महिलाएं कॉपर टी समेत जिन तीन प्रमुख उपायों को गर्भनिरोधक के तौर पर इस्तेमाल करती हैं उनसे  एचआईवी के संक्रमण का खतरा नहीं है। विज्ञान पत्रिका ‘लांसेट’ में हाल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कॉपर टी, डिम्पा इंजेक्शन (डीएमपीए-इंट्रामस्क्युलर) और लेवोनोर्जेस्ट्रल इंप्लांट जैसे गर्भनिरोधक उपायों से एचआईवी संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि इनके प्रवाभी होने और सुरक्षित रहने के लिए  सभी मानकों का बारीकी से ध्यान रखा गया है।
केन्या, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया और इस्वातिनी की 16 से 25 साल की 7829 महिलाओं और किशोरियों पर यह अध्ययन किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यू एच ओ) के प्रजनन और अनुसंधान विभाग के डॉ .जेम्स कियारे ने बताया कि चार अफ्रीकी देशों पर अध्ययन करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है। इस अध्ययन के नतीजे उन महिलाओं और लड़कियों की आजादी के लहमों पर मोहर लगाते हैं जो अपनी इच्छा से यह तय करना चाहती हैं कि उन्हें गर्भधारण कब करना है।
तीनों तरीके बेहद सुरक्षित और कारगर हैं और इनसे एचआईवी के संक्रमण के खतरों की कोई आशंका नहीं है लेकिन चिकित्सकों द्वारा सुरक्षा और सफाई का खास ध्यान करना अति आवश्यक है। इन उपायों की सुगम उपलब्धता से सैकड़ों महिलाओं और परिवारों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार संभव है। अध्ययन के दौरान पाया गया कि अफ्रीकी देशों में एचआईवी संक्रमण सार्वजनिक  स्वास्थ्य के लिए  गंभीर चुनौती  है जिससे निजात पाये जाने की नितांत आवश्यकता है।
अध्ययन के दौरान पाया गया कि  प्रति वर्ष एचआईवी का संक्रमण औसतन 3.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। डब्ल्यू एच ओ के एचआईवी एवं  हेपेटाईटिस विभाग के डॉ. राशेल बागले ने कहा,‘‘ इस अध्ययन ने एक बेहद महत्वपूर्ण आवश्यकता को उजागर किया है कि विशेष रूप से युवा महिलाओं में एचआईवी संक्रमण की रोकथाम की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने की तत्काल आवश्यकता है।’’ विकासशील देशों की करीब 21 करोड़ 40 लाख महिलाएं  गर्भधारण से बचना तो चाहती हैं लेकिन आधुनिक तरीकों को नहीं अपनाती हैं।