Friday, 29 March, 2024
dabang dunia

हेल्‍थ

होर्मोनल इम्बैलेंस को ना करें नजरअंदाज...

Posted at: Sep 8 2019 2:12AM
thumb

हार्मोन्स के संतुलन में थोड़ी सी भी गड़बड़ी का असर फौरन हमारी भूख, नींद और तनाव के स्तर पर दिखने लगता है। असंतुलन से अर्थ है कि शरीर में या तो कोई हार्मोन ज्यादा बनता है या फिर बहुत कम। इसे समय रहते ठीक करना जरूरी है। हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक एक स्ट्रेस हार्मोन होता है, जो हमें किसी खतरे की स्थिति में बचने के संकेत देता है। इसी हार्मोन की वजह से दिल की धड़कन, रक्तचाप और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। एक ताजा शोध में वैज्ञानिकों ने मोबाइल फोन के इस्तेमाल से कार्टिसोल के बढ़ते स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे दिमाग के प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स प्रभावित होते हैं, जिससे निर्णय लेने और तार्किक क्षमता पर असर पड़ता है। अब तक यही समझा जाता रहा है कि हार्मोन्स के असंतुलन की वजह से मूड में उतार-चढ़ाव, सूजन, मेनोपॉज, नपुंसकता, छोटा कद, दुबलापन, मेटाबॉलिज्म में असंतुलन और मुंहासे आदि समस्याएं होती हैं। परंतु वास्तव में हार्मोन्स सभी शारीरिक एवं मानसिक गतिविधियों को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं।