मध्य प्रदेश
Posted at: Mar 13 2018 2:40PM
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने विधानसभा में शिक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेर लिया। गौर ने प्रश्नकाल के दौरान निर्वाचन कार्यों में शिक्षकों से काम लेने को लेकर पूछे गए प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में आरोप लगाया कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। उन्होंने अखिल भारतीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश गणित विषय में 29वें और भाषा विषय में 26वें स्थान पर है। उनके आरोपों पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने साथ देते हुए सत्तापक्ष को कठघरे में खड़ा किया।
गौर ने अपने मूल प्रश्न में पूछा था कि किन शासकीय सेवकों को चुनाव में बीएलओ का कार्य दिया जा रहा है और शिक्षकों को भी इस कार्य में लगाया गया है। इसके जवाब में बताया गया था कि राज्य में 65 हजार 200 मतदान केंद्रों में 41 हजार 340 शिक्षक बीएलओ नियुक्त हैं। गौर ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रदेश में 45 हजार पद रिक्त पड़े हैं और शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव में लगाई जा रही है। इसमें अन्य विभाग के लोगों को लगाना चाहिए। सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने उनके सवालों का उत्तर देते हुए कहा
कि निर्वाचन कार्यों के लिए दूसरे विभागों से कर्मचारी लिए जाते हैं। यह अस्थाई काम है और कर्मचारियों को अपना मूल काम करते हुए यह कार्य शनिवार-रविवार को करना चाहिए। आर्य जब यह नहीं बता पाए कि किस विभाग के कितने कर्मचारी इस काम में लगे हैं, तो श्री गौर ने गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि आज ही इसकी जानकारी आनी चाहिए। यह विधानसभा की गरिमा की बात है। हालांकि इसका कोई जवाब नहीं आया और अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने प्रश्नकाल समाप्त होने की घोषणा कर दी।