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Posted at: Apr 25 2018 10:57AM
नई दिल्ली। सशस्त्र पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में अपने नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी लाने और ताकत बढ़ाने के लिए 12 हजार उम्रदराज सैनिकों को हटाकर युवा और नए भर्ती हुए जवानों की तैनाती करने का निर्णय किया है।
देश में एलडब्ल्यूई के खिलाफ लड़ाई में अहम ताकत के रूप में सीआरपीएफ ने हाल ही में देश 20 हजार नए सैनिकों की भर्ती की और उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। अब इस युवा शक्ति को खतरनाक अभियानों में तैनात करने की योजना है, जिसमें जवानों को कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों में जंगलों में कई-कई दिन बिताने पड़ते हैं।
एक वरिष्ठ खिलाड़ी के मुताबिक युवा और प्रेरित अधिकारियों को तैनात कर अपने अभियानों में तेजी लाने के लिए अर्द्धसैनिक बल की उस रणनीति के तौर पर पहली बार प्रयोग किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि 18 से 21 साल की आयु के करीब 12 हजार नए प्रशिक्षित भर्ती किए गए युवाओं को छत्तीसगढ़ में जल्द ही 45 से 50 साल की उम्र के अपने पुराने सहयोगियों की जगह तैनात किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य लड़ाई करने वाली फोर्स की प्रोफाइल युवा रखना है और साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि इस कदम को सीआरपीएफ के महानिदेशक आरआर भटनागर ने मंजूरी दी है।