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Posted at: Feb 14 2018 4:30PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 के भाषण में कहा था कि सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 800 अरब रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। सरकार अब इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई योजना बना रही है जिसके अंतर्गत वह अपने स्वामित्व वाली कंपनी और परिसंपत्तियों की बिक्री या निजीकरण के लिए कदम बड़ा सकती है। इसके लिए सरकार एयर इंडिया के अलावा, पवन हंस, ड्रेजिंग कॉर्प, एचएलएल लाइफकेयर और इंडियन मेडिसिंस फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) में हिस्सेदारी बिक्री की दिशा में भी काम चल रहा है। पवन हंस में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एक अधिकारी ने कहा, 'हम राज्य सरकारों के साथ आईटीडीसी होटलों की बिक्री पर भी चर्चा कर रहे हैं, क्योंकि वे उस भूमि के मालिक हैं जिस पर इन होटलों को बनाया गया।' विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए दीपम सार्वजनिक क्षेत्र के दो उद्यमों (भारत 22 समेत) के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के अतिरिक्त खेप भी जारी करेगा। 2018-19 के लिए लक्ष्य 2017-18 के 1 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में कम था। सरकारी अधिकारियों ने यह स्वीकार किया है कि इस वित्त वर्ष की दर्ज प्राप्त पूंजी 2015-16 ओर 2016-17 के संयुक्त आंकड़ों की तुलना में लगभग 110 अरब रुपए अधिक है।